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गोंडा की सातों विधानसभा सीटों का क्या है सियासी समीकरण, वोटर्स की नजर में किसका पलड़ा भारी

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Uttar Pradesh Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से घाघरा और सरयू नदियां बहती हैं. दुखहरण नाथ और पृथ्वीनाथ का मंदिर यहां है, ऐसे में भक्तिभाव से सजी यहां की धरती, राजनीतिक इतिहास में बेहद अहम जगह रखती है. जिले की पूर्वी सीमा पर बस्ती जिला, पश्चिम में बहराइच, उत्तर में बलरामपुर और दक्षिण में फैजाबाद और बाराबंकी हैं. पूर्वी जनपद, तहसील करणलानगंज, और ताराबगंज सरयू-घाघरा की तलहटी में हैं, ऐसे में यहां बाढ़ और सूखे की संभावना बनी रहती है. इसके बावजूद यह क्षेत्र उपजाऊ है. गोंडा जिले की सातों सीटें बीजेपी के हाथ में हैं. इन सातों सीटों पर सभी पार्टी की नजर है.

उत्तर प्रदेश में हर पार्टी अपनी सरकार बनाने का दावा कर रही है. बीजेपी के विजय कुमार द्विवेदी कहते हैं कि 2017 के चुनाव में हमारी पार्टी ने सभी सीटें जीती थीं और 2022 के चुनाव में भी हम सभी सीटें जीतेंगे. दोनों लोकसभा सीटें भी बीजेपी के हाथ में हैं. समाजवादी पार्टी के पास गोंडा के लिए कोई मुद्दा नहीं है. 2017 के बाद से BJP सरकार के तहत गोंडा जिले में बहुत विकास हुआ है. 

एक बार फिर राम का नाम

विजय कुमार द्विवेदी कहते हैं कि राम हमारे आदर्श हैं और उनके बिना हमारी पार्टी कुछ भी नहीं है. पहले से ही हमारी पार्टी का आदर्श वाक्य था कि हम भगवान राम का मंदिर बनाएंगे और 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने इसका शिलान्यास किया. कांग्रेस नेता शिव कुमार दुबे का कहना है कि हमारा मुद्दा तो पूरे समाज के लिए है, किसानो के लिए है, नौजवानों के लिए है, बेरोज़गारों के लिए है, महिलाओं के लिए है.

 

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कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रियंका जी ने पूरे समाज को एक साथ लेकर चलने का बीड़ा उठाया है. समाजवादी पार्टी के राजेश दीक्षित ने कहा कि फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं, ये दावे किताबी हैं. ये झूठ बोलने वाले लोग हैं. आज किसान जब कहता है कि हमको हक मिलना चाहिए तो किसानो के ऊपर इनके मंत्री गाड़ियां चलवा देतें हैं. उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा अगर जनता का कोई नेता है तो वो अखिलेश यादव जी हैं. 

2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार गोंडा शहरी समूह की आबादी 138,929 थी, जिसमें से 71,475 पुरुष और महिलाएं 67,454 थीं. 0 से 6 वर्ष की आयु सीमा में जनसंख्या 15,608 थी. कुल साक्षरों की संख्या 99,057 (71.3%) थी, जिनमें 55,067 पुरुष और 43,990 महिलाएं थीं. लिंगानुपात 944 था. प्रभावी साक्षरता दर 80.32 प्रतिशत थी.

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क्यू हैं गोंडा का किसान परेशान

कई गांवों में खुले जानवर घूमते हैं और उनकी संख्या बढ़ गई है. किसानो की मानें तो हम यहां तार की बाड़ लगा रहे हैं, लेकिन फिर भी जानवर तार की बाड़ पर कूद पड़ते हैं. किसान कहते हैं कि पिछले साल से हमें गन्ने का भुगतान भी नहीं मिल रहा है. 

 

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