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Beating Retreat Ceremony: देश में बढ़ते कोविड मामलो की रफ्तार को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अटारी में भारत-पाकिस्तान सीमा पर फ्लैग रिट्रीट सेरेमनी के समारोह में सार्वजनिक प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. गौरतलब है कि सितंबर 2021 में ही इस सेरेमनी को सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए एक बार फिर से खोला गया था. दरअसल कोरोना महामारी के चलते मार्च 2020 में दुनियाभर में चर्चित अपनी तरह की इस सेरेमनी को दोनो ही देशों ने बंद कर दिया था.
बीएसएफ के मुताबिक 15 सितंबर 2021 से एक बार फिर भारत और पाकिस्तान ने ज्वॉइंट बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी शुरु कर दी थी. दोनों ही देशों के लोग इस समारोह को देखने पहुंच रहे थे. लेकिन एक बार फिर से कोरोना महामारी के चलते लोगों के यहां आने पर रोक लगा दी गई है.
Border Security Force (BSF) has stopped public entry at the daily flag-lowering retreat ceremony along the India-Pakistan border in Attari due to rising COVID cases: BSF
(File photo) pic.twitter.com/s1TMGpstkf
— ANI (@ANI) January 6, 2022
अटारी-वाघा बॉर्डर पर रोज होती है बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी
आपको बता दें कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर पंजाब के अमृतसर सेक्टर के अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीएसएफ और पाक रेंजर्स की तरफ से बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी होती है. हर रोज दिन ढलते ही दोनों देशों के जवान अपने-अपने फ्लैग को उतारने के लिए एक ड्रिल करते हैं. इस ड्रिल के दौरान दोनों देश के जवान शक्ति-प्रदर्शन करते भी नजर आते हैं.
विदेशी सैलानियों के बीच भी मशहूर है यह सेरेमनी
इसे देखने के लिए दोनों देशों के नागरिकों सहित विदेशी सैलानी भी यहां पहुंचते हैं लेकिन कई बार इस सेरेमनी का विरोध भी होता आया है. हालांकि साझा बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी दोनों देशों के बीच मित्रतापूर्ण संबंधों के लिए आयोजित की जाती है ताकि सीमा पर समन्वय बना रहे लेकिन कई बार इसे कई वजहों से रद्द भी करना पड़ा है. साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और फिर बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान भी कुछ समय तक के लिए सेरेमनी को रद्द करना पड़ गया था.
गौरतलब है कि वाघा बॉर्डर की तर्ज पर जम्मू के आरएसपुरा सेक्टर में भी पिछले साल से बीटिंग रिट्रीट परेड सेरेमनी का आयोजन किया जाता है. जिसका मकसद पडोसी देश और घाटी में शांति का संदेश देना है.
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