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India China Dispute News: पैंगोंग त्सो लेकर पर चीन के पुल बनाए जाने की खबरों के बीच विदेश मंत्रालय (MEA) ने भारत सरकार का पक्ष रखा है. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान के मुताबिक पैंगोंग त्सो पर चीन उस इलाके में पुल का निर्माण कर रहा है, जो साठ साल से उसके अवैध कब्जे में है. भारत इस पर नजर रखे हुआ है. हमारे सुरक्षा हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार कदम उठा रही है.
तथाकथित गलवान में चीनी सैनिकों के वीडियो पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये तथ्यात्मक रूप से सही नहीं हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने पिछले सप्ताह चीनी पक्ष द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नामकरण की रिपोर्टें देखी हैं. इस तरह के अप्रतिरक्ष्य क्षेत्रीय दावों का समर्थन करने वाली हास्यास्पद कवायद पर हमने अपने विचार व्यक्त किए थे. ओपन सोर्स इंटेलीजेंस ‘इंटेल लैब’ के मुताबिक चीन पैंगोंग त्सो लेक (Pangong Tso Lake) पर एक पुल तैयार कर रहा है, जिससे उसके सैनिक, झील के उत्तर और दक्षिण इलाकों में आसानी से आवागमन कर सकें.
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इसलिए पुल बना रहा चीन
करीब 140 किलोमीटर लंबी पैंगोंग त्सो लेक (Pangong Tso Lake) का दो तिहाई हिस्सा यानी करीब 100 किलोमीटर चीन का हिस्सा है. ऐसे में चीन के सैनिकों को एक छोर से दूसरे छोर जाने के लिए या तो नाव का सहारा लेना पड़ता है. अगर नाव का सहारा न लिया जाए तो फिर पूरा 100 किलोमीटर घूम कर आना पड़ता है. इस पुल के बनने से एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा.
अफगानिस्तान को लेकर बयान
वहीं दूसरी ओर विदेश मंत्रालय ने आज ये भी कहा कि हमने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के रूप में 50 हज़ार मीट्रिक टन गेहूं के साथ जीवन रक्षक दवाइयों की आपूर्ति करने की प्रतिबद्धता की है. इस संबंध में हम पाकिस्तानी प्राधिकारियों के साथ गेहूं के शिपमेंट के सही तौर तरीकों पर बात कर रहे हैं.
श्रीलंका से मछुआरों की रिहाई का मुद्दा
इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा कि श्रीलंका प्रशासन द्वारा 18-20 दिसंबर के बीच तमिलनाडु के 68 मछुआरों और 10 नौकाओं को हिरासत में लिए जाने के मामले के संबंध में भारत सरकार ने श्रीलंका सरकार से बात की है. इन मछुआरों को जरूरत की सभी सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने इन भारतीय मछुआरों की शीघ्र रिहाई का मुद्दा उठाया, जिसके चलते 12 मछुआरों को रिहा किया जा चुका है. भारतीय उच्चायोग बाकी मछुआरों की जल्द से जल्द रिहाई के लिए प्रयास कर रहा है.
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