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अखिलेश यादव ने सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे का निकाला फॉर्मूला, जानें क्या है रणनीति?

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UP Election 2022: ‘बाइस में बदलाव’ के नारों के साथ जो कुनबा अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पिछले कुछ महीने से जोड़ रहे थे, उसकी सबसे नई तस्वीर आ गई है. तस्वीर के जरिए संदेश देने की कोशिश है कि ओबीसी और अनुसूचित जाति के वोटरों को साधने का जो समीकरण अखिलेश छोटी पार्टियों के जरिए बनाने में जुटे हैं, कम से कम उन्हें जोड़े रखने में फिलहाल तो वो कामयाब होते दिख रहे हैं.

सीटों का समीकरण कैसे तय होगा?
अखिलेश यादव ने सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे को लेकर ‘डबल डोज’ फॉर्मूला निकाला है. इसके तहत सहयोगी दल कुछ सीटों पर अपने चुनाव निशान पर लड़ेंगे. सहयोगियों के कुछ उम्मीदवार साइकिल के निशान पर लड़ेंगे. अखिलेश (Akhilesh Yadav) एक बार सीट बंटवारे का ऐलान ना कर के अलग-अलग चरण के हिसाब से सीट बांटेंगे. ताकि विरोध और टूट-फूट की नौबत ना आए. सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन सहयोगियों को अखिलेश यादव 403 सीटों में से करीब 70 से 80 सीटें दे सकते हैं.

सूत्रों ने बताया कि आरएलडी को 26-30, राजभर को 8-10, केशव देव मौर्य की पार्टी को 3-5, संजय चौहान की पार्टी को 3 और कृष्णा पटेल की पार्टी को 2 सीटें मिल सकती है.

बहुत जल्द गठबंधन उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी हो जाएगा. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि कल पहले और दूसरे चरण के प्रत्याशियों की सूची आ जाएगी. अखिलेश ने सबसे प्रत्याशियों की सूची मांगी है.

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इस बार एनसीपी और टीएमसी को भी यूपी में मौका दिया है. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश में हम समाजवादी पार्टी और दूसरे छोटे छोटे पार्टी के साथ चुनाव लड़ने वाले हैं. बुलंदशहर की अनूपशहर सीट से एनसीपी के केके शर्मा चुनाव लड़ेंगे. तो टीएमसी के ललितेश पति त्रिपाठी मिर्ज़ापुर सीट से गठबंधन उम्मीदवार होंगे. 

अखिलेश यादव का फॉर्मूला साफ है. वो बिछड़े परिवार और छोटी पार्टियों को जोड़कर फिर से पावर में आना चाहते हैं. बीजेपी, बीएसपी और कांग्रेस के बागियों के लिए भी उन्होंने अपना दरबार खोल ही दिया है. ताकि बीजेपी को मात दी जा सके.

बीजेपी को सबसे ज्यादा चिंता में बागियों ने डाल दिया है. मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने और आज दारा सिंह चौहान ने योगी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. इन नेताओं के खेमे में भी कई बीजेपी विधायक हैं, जो बीजेपी के लिए चिंता का सबब बना हुआ है.

हालांकि बीजेपी ने जवाबी कार्रवाई भी शुरू कर दी है. आज ही यूपी बीजेपी के बड़े नेताओं की मौजूदगी में सिरसागंज से समाजवादी पार्टी के तीन बार के विधायक रहे हरिओम यादव ने बीजेपी का दामन थाम लिया. उनके साथ एसपी के ही पूर्व विधायक धर्मपाल सिंह भी भगवाधारी हो गए. कांग्रेस विधायक नरेश सैनी ने भी बीजेपी का पटका पहन लिया.

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