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हरक सिंह रावत कैबिनेट से बर्खास्त, नहीं झुकी BJP उलटा कार्रवाई कर पार्टी से भी निकाला

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Uttarakhand Election 2022: बीजेपी ने अपने मंत्री हरक सिंह रावत पर बड़ी करवाई की है. उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया है. दरअसल हरक सिंह रावत पार्टी पर तीन टिकट देने का दबाव बना रहे थे.

वह पार्टी से खुद के अतिरिक्त अपनी पुत्रवधू और अपनी एक समर्थक को टिकट देने की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी हरक सिंह रावत के आगे नहीं झुकी और उलटा उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर पार्टी से भी छह साल के लिए निलंबित कर दिया है.

बढ़ती ही जा रही थी हरक सिंह रावत की मांगे

आपको बता दें कि हरक सिंह रावत लगातार बीजेपी को ब्लैकमेल कर रहे थे इससे पहले भी वह पार्टी को दबाव में लेकर अपनी मांगे मनवाते रहे हैं. इस बार पार्टी उनके आगे नहीं झुकी और कारवाई कर बाहर का रास्ता दिखा दिया, इससे पहले भी  दिसंबर महीने में हरक सिंह रावत कैबिनेट से उठकर कर चले गए थे और इस्तीफ़े की धमकी दी थी. 

तब राज्य सरकार ने उनकी मांग मानते हुए कोटद्वार में एक मेडिकल कॉलेज को मंज़ूरी दे दी थी लेकिन इस बार हरक सिंह रावत की मांग और ज़्यादा बढ़ गयी वे विधानसभा चुनावों में खुद के सहित कुल तीन टिकट मांग रहे थे. लेकिन पार्टी ने मांगे मानने की बजाय उन्हें पहले मंत्रीमंडल से बर्खास्त किया और फिर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छः साल के लिए निलंबित कर दिया.

माना जा रहा है कि अब हरक सिंह रावत सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, हरक सिंह रावत पांच साल पहले कांग्रेस से बाग़ी होकर बीजेपी में आए थे, वैसे हरक सिंह रावत का राजनीतिक दल बदलने का इतिहास काफ़ी पुराना है.

पिछले कुछ हफ्तों से लगातार दे रहे थे इस्तीफे की धमकी

गौरतलब है कि हरक सिंह रावत ने मंत्री पद से या बीजेपी से इस्तीफ़ा नहीं दिया था केवल नाराज़गी जाहिर की थी, और वह कैबिनेट की बैठक से स्वास्थ्य मंत्री से अपनी विधानसभा कोटद्वार में एक मेडिकल कॉलेज खोले जाने की बहस के बाद कैबिनेट की बैठक बीच में ही छोड़ कर चले गए थे.

राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ से बातचीत कर मसले को हल करने के आश्वासन के बाद मुख्यमंत्री और प्रदेश नेतृत्व से बातचीत कर हरक सिंह रावत को मना लिया गया था. दरअसल केंद्र सरकार की योजना है कि हर ज़िले में एक मेडिकल कॉलेज खोला जाए.

इस योजना के तहत त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के समय हरक सिंह को आश्वासन दिया गया था कि उनकी विधानसभा में एक मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा. लेकिन पहले दिक़्क़त ये आ रही थी कि एक ज़िले में एक ही मेडिकल कॉलेज खोला जा सकता है और पौढी ज़िले में एक मेडिकल कॉलेज पहले से था ऐसे में कोटद्वार में दूसरा मेडिकल कॉलेज खोलने पर राज्य सरकार को दिक़्क़त होती.

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