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क्यों चर्चा में है हस्तिनापुर विधानसभा सीट, जानें- इसका इतिहास

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UP Election 2022: यूपी का चुनावी बिगुल बज चुका है और इसके साथ ही सभी पार्टियों के तरफ़ से पहली लिस्ट जारी की जा चुकी है. इसी कड़ी में वेस्ट यूपी के मेरठ ज़िले का हस्तिनापुर विधानसभा सीट जिसकी सबसे ज़्यादा इनदिनों चर्चा हो रही है.”जो हस्तिनापुर भेदे वही राज करे” के कहावत से चर्चित ये सीट इस बार और भी कई कारणों से चर्चे में है. ऐसे में आईए जानते हैं कि आख़िर क्यों चर्चित हो चुकी है ये सीट.

14 जनवरी को प्रियंका गांधी ने 125 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की जिनमें से एक हैं हस्तिनापुर प्रत्याशी अर्चना गौतम. नाम आते ही लगातार सुर्ख़ियों में बनी है अर्चना. अर्चना गौतम कई फ़िल्मों में काम कर चुकी हैं. अर्चना के टिकट मिलने पर बवाल भी खूब हो रहा है. यहां तक कि हिंदू महासभा आपत्ति जा चुकी है.

अर्चना गौतम ने नवंबर 2021 में कांग्रेस पार्टी जॉइन किया और फ़रवरी में कांग्रेस की पहली लिस्ट में जगह पाने में कामयाब हो गई. अर्चना गौतम तबसे चर्चा का विषय बनी हुई है हालांकि अपने बारे में ट्रोल किए जाने पर अर्चना फ़िल्मों से राजनीति ने आने वाली महिलाओं के नाम गिनाती हैं. लगातार हो रहे विरोध को लेकर कहती हैं कि उनके दलित होने की वजह से उन्हें अपमानित किया जा रहा है.

अर्चना का मुक़ाबला बीजेपी प्रत्याशी दिनेश खटिक से है जो इस बार के विधायक रह चुके हैं. जबकि दूसरी तरफ़ एसपी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे योगेश वर्मा भी टक्कर देने मैदान में उतरें हैं. योगेश वर्मा साल 2007 में बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायकी का स्वाद चख चुके हैं और उसके बाद भी भाग्य आज़माते रहे हैं. हालांकि इस बार उनके मुताबिक़ उनकी सीधी-सीधी लड़ाई बीजेपी से है. बीजेपी को हराने के मक़सद से ही वो लोगों के बीच जाकर प्रचार कर रहे हैं.

किस प्रत्याशी में कितना जीत का जज्बा है ये जानने के किए हमने हस्तिनापुर की जनता का मन टटोलने की कोशिश की. कई लोगों के मुताबिक़ टक्कर एसपी और बीजेपी के बीच की है जबकि सरकार चुनने से पहले चुनाव में महिला और महंगाई एक बड़ा मुद्दा है.

हस्तिनापुर का चुनावी सफ़र

साल 2017 में बीजेपी के दिनेश खटीक

2012 में एसपी के प्रभुदयाल वाल्मीकि

2007 में बीएसपी से योगेश वर्मा

2002 में एसपी से प्रभुदयाल वाल्मीकि

1996 में अतुल कुमार खटीक निर्दलीय

1991 के उपचुनाव में भाजपा से गोपाल काली

1989 में जनता दल से झग्गड़ सिंह

1985 में कांग्रेस से हरशरण जाटव

1980 में कांग्रेस से हरशरण जाटव

1977 में कांग्रेस से रेवती शरण मौर्य

1974 में कांग्रेस से रेवती शरण मौर्य

1969 में भारतीय क्रांति दल से आशाराम इंदू

1967 में कांग्रेस से रामजीलाल सहायक

1962 में कांग्रेस से पीतम सिंह फंफूड़ा (सामान्य)

1957 में कांग्रेस से बिशम्बर सिंह (सामान्य)

1951-1952 में कांग्रेस से रामजीलाल सहायक (आरक्षित)

जातीय समीकरण

गुर्जर और मुस्लिम बहुल हस्तिनापुर विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट पर मतदाताओं की संख्या लगभग तीन लाख 42 हज़ार 314 है. इनमें पुरुष मतदाता 1,87,884 और महिला मतदाता 1,54,407 है.

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