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क्या कांग्रेस पंजाब में इन्हें बनाएगी मुख्यमंत्री का चेहरा, अंदरखाने चल रही है ये चर्चा

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Punjab Election: कांग्रेस (Congress) भले ही पंजाब (Punjab) विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ने की बात कर रही हो लेकिन अंदरखाने मुख्यमंत्री (Chief Minister) के चेहरे के एलान को लेकर गंभीरता पूर्वक मंथन चल रहा है. आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा भगवंत मान (Bhagwant Mann) को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद कांग्रेस पर भी मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान करने को लेकर दबाव बन गया है. सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) खुद को चेहरा बनाने के लिए दबाव बना रहे हैं तो पंजाब सरकार के कुछ मंत्रियों ने खुल कर चन्नी (CM Chann) को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की मांग कर दी है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान कर सकती है. संकेत यही हैं कि मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाया जा सकता है.

पंजाब में कांग्रेस की रणनीति बनाने में शामिल सूत्रों के मुताबिक पार्टी मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर जनता का मूड भांपने के लिए सर्वे करवा रही है. सर्वे का फोकस मुख्य रूप से दो बातों पर केंद्रित है. पहला है, मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू में से मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में कौन ज्यादा लोकप्रिय है? दूसरी बात है कि भगवंत मान को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के ग्राफ में कितना फर्क आता है?

कांग्रेस के अंदरूनी सर्वे में उनका सीधा मुकाबला तो आम आदमी पार्टी से ही है लेकिन काफी सीटों पर अकाली दल मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है. फिलहाल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी लगभग बराबरी की स्थिति में है. यदि भगवंत मान के चेहरे के एलान के बाद आम आदमी पार्टी सर्वे में आगे बढ़ती नजर आएगी तो कांग्रेस भी मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान कर सकती है. बीते कुछ सालों में यह देखा गया है कि चेहरे के एलान से चुनाव प्रचार बेहतर रहता है.

मुख्यमंत्री उम्मीदवार की इस रेस में चरणजीत सिंह चन्नी आगे नजर आ रहे हैं. बीते साल के कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटा कर दलित समाज से आने वाले चन्नी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया था जिन्हें करीब चार महीने का समय मिला. इस दौरान चन्नी ने आम लोगों को राहत देने वाले कई फैसले लिए और सिद्धू की बयानबाजियों के बावजूद बात बिगड़ने नहीं दी. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मामले के दौरान बीजेपी के हमलों पर चन्नी अपने पलटवार के अंदाज से कांग्रेसी खेमे में खासे लोकप्रिय बन गए. चन्नी पुराने कांग्रेसी हैं और सिद्धू के मुकाबले संगठन पर बेहतर पकड़ रखते हैं.

चन्नी की वजह से पंजाब के करीब 30 प्रतिशत दलित वोटरों में कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो गई है. लेकिन कांग्रेस की दुविधा यह है कि मुख्यमंत्री के रूप में दलित चेहरे को देखकर जट सिख समाज में असंतोष हो सकता है. रेत माफियाओं पर हुई कार्रवाई के सिलसिले चन्नी के रिश्तेदार के यहां पड़े ईडी के छापे से चन्नी की छवि को धक्का लगा है. हालांकि इस मामले को लेकर पार्टी चन्नी के साथ खड़ी नजर आ रही है.

चन्नी के समर्थकों का एक अहम तर्क यह है कि भगवंत मान और सुखबीर बादल दोनों जट सिख हैं ऐसे में यह वोट बंटेगा वहीं चन्नी के चेहरे पर दलित वोट एकतरफा कांग्रेस को मिलेगा. कांग्रेस को अगर शहर के और हिन्दू वोटरों का साथ मिला तो बहुमत मिल सकता है.

दूसरी तरफ नवजोत सिंह सिद्धू अपनी साफ छवि और आक्रमक अंदाज के लिए पूरे पंजाब में मशहूर हैं. जट सिख समाज से आने वाले सिद्धू परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री उम्मीदवार का दावा ठोकते आए हैं. लेकिन इसी वजह से उनपर महत्वाकांक्षी का ठप्पा लग गया है. पार्टी के अंदर उनकी स्थिति पहले से कमजोर ही हुई है. टिकट बंटवारे में भी सिद्धू की ज्यादा नहीं चल पाई है. सिद्धू को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने से कांग्रेस को भितरघात का खतरा है साथ ही दलित समाज की नाराजगी भी उठानी पड़ेगी.

इन्हीं वजहों से फिलहाल कांग्रेस किसी एक नाम को आगे करने का रिस्क नहीं लेना चाहती. पंजाब प्रभारी से लेकर मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला तक सामूहिक नेतृत्व की बात कह रहे हैं लेकिन आम आदमी पार्टी और उसके सीएम के चेहरे भगवंत मान की लोकप्रियता का ग्राफ अगर ऊपर गया तो कांग्रेस को रणनीति बदलनी होगी और चेहरे का एलान करना होगा.

सूत्रों के मुताबिक संभव है कि राहुल गांधी ने जिस तरह बीते विधानसभा चुनाव के आखिर में कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने का एलान किया था उसी तरह इस बार भी चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री का चेहरे का एलान कर सकते हैं. सवाल यह है कि क्या वह नाम चरणजीत सिंह चन्नी का होगा?

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