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24/7 डॉक्टर्स, मरीजों के हर सवाल का तुरंत जवाब…ऐसे काम करता है दिल्ली कोविड हेल्पलाइन सेंटर

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Corona Covid-19 Omicron: देश में कोरोना के लगातार दूसरे दिन 3 लाख से ज्यादा आए. हालांकि इस लहर में लोगों को ज्यादा अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है लेकिन ओमिक्रोन वेरिएंट के कारण कोरोना तेजी से लोगों को चपेट में ले रहा है. सभी राज्यों ने कोरोना पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. दिल्ली में भी वीकेंड कर्फ्यू, नाइट कर्फ्यू और दुकानों को ऑड-ईवन सिस्टम के तहत खोलने के फैसले लिए गए हैं.

दिल्ली सरकार ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर की तैयारी को लेकर अपने आप को और मजबूत करने के प्रयास किए हैं. कोरोना की पहली लहर में लोगों के बीच कोरोना को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं थी. हालांकि इस बार हालात इतने नहीं बिगड़े जितना नुकसान कोरोना की दूसरी लहर में हुआ था.

दूसरी लहर में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी, अस्पतालों में बेड की कमी, कालाबाजारी, एक दिन में सैकड़ों लोगों की मौतें जैसी गंभीर स्थिति पैदा हो गई थी. दूसरी लहर जैसे जैसे थमने लगी वैसे-वैसे सरकारों की तरफ से तैयारियां भी आगे आने वाले वक्त के लिए मजबूती से होने लगीं. दिल्ली सरकार का कोविड-19 हेल्पलाइन नंबर 1031 कोरोना की पहली वेव के शुरुआती वक़्त से ही जारी था लेकिन धीरे-धीरे करके उस ढांचे को और मजबूत किया गया.

 1031 हेल्पलाइन को कोविड हेल्पलाइन के नाम से जाना जाता है. यह दिल्ली सरकार की 24*7 हेल्पलाइन है, जिसे कोविड-19 से संबंधित विभिन्न पहलुओं जैसे: परीक्षण, एम्बुलेंस सेवा, टेली मेडिकल कंसल्टेंसी, पल्स ऑक्सीमीटर और मेडिसिन किट, के संबंध में जानकारी देने का अधिकार है.

 इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके लोग कोरोना और उससे जुड़ी मदद लेने लगे. यह सिलसिला कोरोना की पहली वेव से जारी है. कोरोना की इस बार तीसरी लहर में भी हेल्पलाइन नंबर ने लोगों की काफी मदद की. इस हेल्पलाइन पर कॉल कर के लोग अस्पताल में बिस्तर की उपलब्धता, होम आइसोलेशन, ऑक्सीजन कंसंटेटर/सिलेंडर के बारे में जानकारी भी लेते हैं. हेल्पलाइन अन्य कोविड -19 संबंधित जानकारी भी देती है जैसे ई-पास, वीकेंड कर्फ्यू, ड्रग मैनेजमेंट.

टीकाकरण की शुरुआत के बाद इससे टीकाकरण को लेकर जानकारी भी लोगों को मिलने लगी. आइए आपको उस 1031 हेल्पलाइन नंबर के हेड क्वार्टर यानी वहां के कॉल सेंटर के बारे में बताते हैं, जहां से पूरी दिल्ली से आ रही कॉल्स को सुना जाता है और लोगों को मदद पहुंचाई जाती है.

 कॉल सेंटर में हमने क्या देखा और क्या जानकारी मिली

कॉल सेंटर में दाखिल होते ही सबसे पहले कोविड-19 नियमों के हिसाब से हमारा टेंपरेचर चेक किया गया. हमें सैनिटाइज़ किया गया. उसके बाद ही हमें अंदर जाने की अनुमति मिली. सबसे पहले हम मिलने पहुंचे उस कॉल सेंटर के इंचार्ज वरुण सचदेवा से, जिन्होंने हमें जानकारी देने से पहले उस कॉल सेंटर की तस्वीरें दिखाईं और बताया कि वहां किस तरह से काम होता है.

उन्होंने बताया कि टोल फ्री हेल्पलाइन को मोबाइल फोन से 1031 डायल करके और लैंडलाइन से 1800111031 डायल करके एक्सेस किया जा सकता है. हेल्पलाइन वर्तमान में 150 फोन लाइनों के साथ 30 प्रशिक्षित ऑपरेटरों के साथ चल रही है. दिन में तकरीबन 1500 कॉल्स यहां आ रही हैं. हालांकि यह हेल्पलाइन नंबर कोरोना काल में नहीं बनाया गया बल्कि साल 2015 में भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतें लेने करने के लिए दिल्ली सरकार ने यह हेल्पलाइन शुरू की थी. 

बाद में इसने अस्पतालों में पेंशन और इलाज से संबंधित शिकायतों को निपटाना शुरू किया. जब मार्च 2020 में कोरोना महामारी ने दिल्ली को भी चपेट में ले लिया, तब यह हेल्पलाइन कोविड रोगियों को प्रामाणिक जानकारी और सेवाएं देने के लिए एक समर्पित कोविड हेल्पलाइन के रूप में विकसित किया गया. तब से यह कोविड हेल्पलाइन नंबर 1031 से चल रहा है.

लोग क्या पूछने के लिए करते हैं फोन

  • कॉल सेंटर के इंचार्ज वरुण सचदेवा ने बताया कि होम आइसोलेशन में जो लोग थे या जिन्हें ऑक्सीजन की दिक्कत थी या ऑक्सीजन सिलेंडर/ कंसंट्रेटर चाहिए था, उनको ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पहुंचाने का काम भी इस हेल्पलाइन नंबर ने किया.
  • डॉक्टर से कंसल्टेशन को लेकर भी लोगों ने काफी कॉल किए, उनको हम डॉक्टर से कंसल्ट करवाते थे.
  • सबसे ज्यादा मदद के लिए कॉल जो आ रही हैं, वह डॉक्टर से टेलीकंसल्टेशन की कॉल आती हैं. लोग बताते हैं कि उनको कोविड-19 है. किस तरह के लक्षण हैं और उनको किस तरह की दवाइयां लेनी चाहिए, इस तरह की हेल्प के लिए लोग कॉल करते हैं.
  •  बहुत सारे डॉक्टर हर वक्त अवेलेबल रहते हैं जो लोगों को कंसल्ट करके बताते हैं कि किस तरह की मेडिसिन लेनी चाहिए.
  • ओमिक्रोन को लेकर सबसे ज्यादा लोगों की कॉल आती हैं. लोग बताते हैं कि उन्हें किस तरह के लक्षण हैं. वे पूछते हैं कि क्या टेस्ट कराने चाहिए. किस तरह उन्हें अपना इलाज करना चाहिए और कितने दिन तक उन्हें आइसोलेट रहना चाहिए.

कैसे होता है कॉल सेंटर में काम

  • डॉक्टर को पेशेंट के साथ कनेक्ट करने के लिए सिंपल तरीका है. जैसे ही लोग 1031 पर कॉल करते है तो ऑपरेटर उनसे सारी जानकारी लेते हैं जैसे फीवर कब से है. किस तरह के लक्षण हैं. फिर वह कॉल डॉक्टर को ट्रांसफर कर देते हैं. इसी के साथ मरीज डॉक्टर से कनेक्ट हो जाते हैं और उन्हें मेडिकल सहायता मिल जाती है.
  • 1031 हेल्पलाइन 24 घंटे काम करती है. हर वक्त यहां ऑपरेटर रहते हैं. अभी यहां पर तकरीबन 30 ऑपरेटर हैं क्योंकि दूसरी वेव से यहां पर कॉल कम हो गए हैं.
  • तीसरी वेव में सबसे ज्यादा कॉल 12 जनवरी को रिसीव हुई, जिसमें 2041 कॉल रिसीव हुए.
  • कोई ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को लेकर कॉल करता है. अभी भी दिल्ली सरकार की तरफ से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिल रहा है.
  • हेल्पलाइन सेंटर से 24*7 डॉक्टर्स जुड़े रहते हैं ताकि किसी को टेली कंसल्टेशन की ज़रूरत हो तो यह किया जा सके. इसी के साथ 65 योग्य डॉक्टरों की टीम जुड़ी है जो 4 शिफ्टों में काम करते हैं.

ये है शिफ्ट टाइमिंग

  • सुबह 6 दोपहर 12:00 बजे तक
  • दोपहर 12:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
  • शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक
  • रात बारह बजे से सुबह 6:00 बजे तक

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