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आरपीएन सिंह को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- बीजेपी उन्हें तोप समझकर लाई है, लेकिन…

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Swami Prasas Maurya on RPN Singh: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों (Assembly Election) की तैयारियों के बीच नेताओं का पार्टी बदलने का सिलसिला भी जारी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार आरपीएन सिंह (RPN Singh) ने शनिवार को बीजेपी (BJP) ज्वाइन कर ली. इसे लेकर प्रदेश में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी आरपीएन सिंह को विधानसभा चुनाव में बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के खिलाफ मैदान में उतार सकती है. इसे लेकर मौर्य ने ‘एबीपी न्यूज़’ से बातचीत में बड़ा बयान दिया है. 

मौर्य ने आरपीएन सिंह पर साधा निशाना

जब स्वामी प्रसाद मौर्य से पूछा गया कि बीजेपी ने अगर आरपीएन सिंह को उनके खिलाफ पडरौना विधानसभा सीट से मैदान में उतारा, तो क्या उनके लिए बड़ा खतरा होगा? इस पर मौर्य ने कहा, “आरपीएन सिंह राज महल में पैदा हुए हैं और आम जनता से उनका कोई लेना देना नहीं है. अगर वहां से वह किसी आम कार्यकर्ता को भी सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा दें, तो वह आरपीएन सिंह को हरा देगा.” मौर्य ने कहा कि लंबे समय से बीजेपी इस विधानसभा सीट पर चुनाव नहीं जीती थी, जब स्वामी बीजेपी में गए तब इस सीट पर पार्टी को जीत मिली. 

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स्वामी ने कहा कि एक बार फिर उनके विकास कार्यों के लिए जनता उन्हें बहुमत देगी. अगर आरपीएन सिंह उनके खिलाफ चुनाव लड़े तो उन्हें निश्चित रूप से हार का सामना करना पड़ेगा. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि आरपीएन सिंह की मां जब उनके खिलाफ चुनाव लड़ी थीं, तो उनकी जमानत जब्त हो गई थी. इस बार भी बीजेपी उन्हें पडरौना से चुनाव लड़ाकर बड़ी गलती कर रही है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था राज महल से नहीं चलती है, जबकि आरपी एन सिंह राजाओं की तरह रहते हैं और जनता से उन्हें कोई लगाव नहीं है. 

मौर्य बोले- बीजेपी तोप समझ कर लाई है, लेकिन.. 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरपीएन सिंह के साथ बीजेपी को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि, “बीजेपी आरपीएन सिंह को तोप समझकर पार्टी में लाई है, लेकिन विधानसभा चुनावों में वह तमंचा भी साबित नहीं होंगे.” अगर वह पडरौना से चुनाव लड़े तो उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ेगा. गौरतलब है कि पिछली बार इसी विधानसभा सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य ने जीत दर्ज की थी, लेकिन तब वे बीजेपी में थे. 

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