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नईदिल्ली, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) प्रमुख के सिवन ने औद्योगिक क्षेत्र में अंतरिक्ष सेक्टर के योगदान की बात का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि भारत के इंडस्ट्रियल बेस को मजबूत बनाने के लिए स्पेस सेक्टर अहम रोल अदा कर सकता है। इसरो चीफ के सिवन ने कहा कि स्पेस सेक्टर भारत के औद्योगिक सेक्टर में अहम रोल निभा सकता है। इसरो प्रमुख ने कहा कि इससे प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार और भारत के लिए विश्व में पावर हाउस बनने का सुनहरा मौका है। यह एक राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में अंतरिक्ष प्रयासों में निजी क्षेत्र को संभालने और बढ़ावा देने के लिए कार्य करेगा और इसरो इससे अपनी तकनीकी विशेषता के साथ-साथ सुविधाओं को भी शेयर करेगा।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार की इजाजत से इसरो ने प्राइवेट इंटरप्राइजेज के लिए स्पेस फील्ड के दरवाजे खुल गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की गतिविधियों को अनुमति देने और स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए एक स्वायत्त नोडल एजेंसी की स्थापना को हरी झंडी दी है। इसका नाम भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष, संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र रखा गया है। के सिवन ने गुरुवार को कहा कि निजी क्षेत्र को अब रॉकेट एवं उपग्रह बनाने और प्रक्षेपण सेवाएं मुहैया कराने जैसी अंतरिक्ष गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी। बता दें कि कैबिनेट ने ग्रहों पर अन्वेषण के मिशन समेत अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बुधवार को अनुमति दी।
सरकार ने निजी उद्यमों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र खोलकर इसरो के लिए सुधार उपायों को लागू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, लंबे समय तक सामाजिक-आर्थिक सुधार के हिस्से के रूप में, अंतरिक्ष सुधार भारत के विकास के लिए अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं तक पहुंच में सुधार करेंगे। के सिवन ने आगे कहा कि सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की गतिविधियों को अनुमति देने और विनियमित करने के संबंध में स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए एक स्वायत्त नोडल एजेंसी की स्थापना को मंजूरी दी है।
इसका नाम है भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष, संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र. यह अंतरिक्ष प्रयासों में निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा और इसके लिए इसरो अपनी तकनीकी विशेषज्ञता के साथ-साथ सुविधाओं को भी साझा करेगा। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष विभाग, रॉकेट और उपग्रहों के निर्माण और प्रक्षेपण के साथ-साथ वाणिज्यिक आधार पर अंतरिक्ष-आधारित सेवाएं प्रदान करने सहित अंतरिक्ष सेवाओं को प्रदान करने में सक्षम करने के लिए क्षेत्र की अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देगा।