[ad_1]
Punjab Election and Dera: डेरावाद, पंजाब का वो वर्ग जो चुनाव में बड़ी भूमिका निभाता है. पंजाब के माझा, मालवा और दोआबा तीनों क्षेत्रों में डेरों की अपनी सल्तनत है. चुनाव की बिसात पर नेता वोट की चोट के लिए डेरो में सियासी भंवरे की तरह मंडराते हैं. सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के चीफ गुरमीत राम रहीम हत्या और बलात्कार के मामलों में जेल में बंद हैं, लेकिन चुनावी फिजा में उनको भी सलाखों से छुटकारा मिला. भले 21 दिन के लिए ही सही. राम रहीम चार साल बाद गुरुग्राम में 21 दिन की फरलो काट रहे हैं. वह कड़ी सुरक्षा के बीच अपने परिवार के साथ रह सकते हैं.
हरियाणा सरकार ने अचानक यह फैसला लिया तो विरोधियों ने राम रहीम पर इस मेहरबानी को पंजाब के विधानसभा चुनाव से जोड़ दिया. शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा, ‘टाइमिंग को लेकर सवाल तो है?’ वहीं बिक्रम मजीठिया ने कहा, ‘जिस समय छोड़ा गया है इसको लेकर सवाल है कि क्या ऐसा डेरा प्रेमियों की वोट के लिए किया गया?
…तो इस वजह से राम रहीम को मिला फरलो
आपको बताते चलें कि राम रहीम पर 4 केस चल रहे थे. इनमें से बलात्कार और हत्या के केसों में राम रहीम को सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि साधुओं को नपुसंक बनाने के आरोप में अभी मुकदमा चल रहा है. डेरा सच्चा सौदा का पंजाब के मालवा में अच्छा प्रभाव है. बड़ी संख्या में गैर जट्ट सिख डेरा सच्चा सौदा के प्रेमी हैं. देश विदेश में डेरा के पांच करोड़ से ज्यादा भक्त बताए जाते हैं.
पंजाब विधानसभा की 34 सीटें हैं जहां डेरा प्रेमियों का वोट मायने रखता है. यही कारण है कि चुनाव चाहे लोकसभा का हो या विधानसभा का, वोट की खातिर नेता डेरे की चौखट पर पहुंच ही जाते हैं. पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने फरलो मिलने पर कहा था कि यह वोट बैंक के लिए नेता गंदी सियासत करते हैं. हरियाणा सरकार के फरलो देने के खिलाफ हम हाई कोर्ट जाएंगे.
[ad_2]
Source link