कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार काफी तेज है और रोजाना लाखों की संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं। कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ मास्क लगाने की सलाह दे रहे हैं। कोविड-19 से लड़ाई के लिए मास्क एक कारगर हथियार की तरह काम कर रहा है।
घर से बाहर निकलते समय सुरक्षा के लिए विशेषज्ञ डबल मास्क लगाने के लिए कह रहे हैं। परंतु सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि लंबे समय तक मास्क का उपयोग करने पर शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ सकती है और ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।
देश की सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय, डॉक्टर और विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनना बहुत जरूरी है।
केवल बाहर निकलते समय ही नहीं बल्कि घर में भी रहने पर लोगों को मास्क लगाना बहुत जरूरी है। लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में ये दावा किया जा रहा है कि ज्यादा देर तक मास्क लगाने पर शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। वायरल हो रहे इस पोस्ट के वजह से लोग हैरान हैं।
वायरल हो रहे पोस्ट में कहा जा रहा है कि एक व्यक्ति को दिनभर में 550 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है, जो वो प्राकृतिक तरीके से लेता है। लेकिन मास्क का अवरोध लगाने से वो दिनभर में केवल 250 से 350 लीटर ही ऑक्सीजन ले पा रहा है। वहीं शरीर से निकलने वाला कार्बन डाइऑक्साइड, जो हवा में घुलनी चाहिए थी, लेकिन मास्क लगाने से वापस फेफड़े में जा रही है। इस वजह से शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है और ऑक्सीजन का लेवल कम हो रहा है।
वायरल हो रहे इस पोस्ट को लेकर पीआईबी की तरफ से सफाई आई है। पीआईबी की फैक्ट चेक टीम के मुताबिक, वायरल हो रहे इस पोस्ट में किया गया दावा बिल्कुल फर्जी है। पीआईबी का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क का सही तरीके से इस्तेमाल बहुत जरूरी है।
कोविड-19 महामारी से लड़ाई में सबसे ज्यादा जरूरी है कि किसी भी खबर पर विश्वास करने से पहले आप उसकी अच्छे से पड़ताल करें। फर्जी खबरों से निपटने के लिए पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने पीआईबी फैक्ट चेक टीम गठित की है। पीआईबी फैक्ट चेक टीम द्वारा आप भी किसी भी सूचना की सत्यता की जांच करा सकते हैं।