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प्रेग्नेंसी में इस समय पालक खाने से हो सकता है मिसकैरेज, जानिए सही समय और तरीका

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गर्भावस्था में हरी पत्तेदार सब्जियों को डायट में शामिल करने की सलाह दी जाती है जिसमें पालक भी शामिल है। पालक खाने से कैंसर से बचाव, ब्लड प्रेशर कम करने और आंखों की रोशनी बढऩे जैसे लाभ मिलते हैं। पालक में ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो प्रेगनेंट महिला के शिशु के स्वस्थ विकास में मदद कर सकते हैं।
तो चलिए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में पालक खाने के क्या फायदे और कब इसे अपनी डायट में शामिल करना चाहिए?
प्रेग्नेंसी में पालक खाना चाहिए या नहीं
प्रेगनेंट महिलाएं पालक खा सकती हैं। पालक में फोलिक एसिड होता है जो कि गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत जरूरी पोषक तत्व माना जाता है। फोलिक एसिड से शिशु को जन्म विकारों से बचाने में मदद मिल सकती है।
पालक में प्रेग्नेंसी में जरूरी सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। वहीं, पालक का अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदायक होता है।
पालक के पोषक तत्व
100 ग्राम पालक में 2.3 ग्राम प्रोटीन, 4 ग्राम कार्ब, 0 ग्राम फैट, 3 ग्राम आयरन, 195 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड और 99 मि.ग्रा कैल्शियम होता है। इसके अलावा पालक विटामिन ए, बी, विटामिन सी, फास्फोरस, सोडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम से भी युक्त होता है। पालक गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास में काफी मदद करता है।
गर्भावस्था में पालक खाने के फायदे
पालक खाने से मिलने वाले लाभ इस प्रकार हैं :
*आयरन और फोलिक एसिड : प्रेग्नेंसी में शरीर में ब्लड वॉल्यूम 30 से 50 फीसदी तक बढ़ जाता है जिससे शरीर की आयरन और फोलिक एसिड की जरूरत भी बढ़ती है। नियमित पालक के सेवन से शरीर की आयरन की आवश्कता को पूरा किया जा सकता है।
*कैल्शियम : कैल्शियम लेने ब्लड प्रेशर कम रहता है और अगर प्रेग्नेंसी में शरीर में कैल्शियम कम हो जाए तो हाई बीपी की समस्या हो सकती है। पालक में मौजूद कैल्शियम बीपी को नियंत्रित रखता है।
*विटामिन ए और सी : पालक में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए और सी होता है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद कर सकता है। इससे भ्रूण के विकास के लिए जरूरी विटामिन ए की पूर्ति होती है। शिशु के तंत्रिका विकास के लिए आवश्यक विटामिन बी भी पालक से मिल सकता है।
भ्रूण के मस्तिष्क का विकास
पालक में प्रचुरता में फोलिक एसिड होता है जो प्रेग्नेंसी में मिसकैरेज होने से रोकता है। ये भ्रूण के स्पाइनल और बौद्धिक विकास में भी मदद करता है। पालक में आयरन उच्च मात्रा में होता है जिससे नई लाल रक्त कोशिकाएं बनती हैं। इस तरह प्रेग्नेंसी में आयरन डेफिशिएंसी एनीमिया से बचा जा सकता है।
मूड में सुधार
गर्भावस्था में महिलाओं को मूड स्विंग्स की शिकायत बहुत रहती है। पालक में मौजूद विटामिन बी मूड में सुधार लाने में मदद कर सकता है। पालक से डिप्रेशन, स्ट्रेस और एंग्जायटी को भी रोका जा सकता है।
प्रेग्नेंसी में कितना पालक खाएं
गर्भवती महिला अपनी डायट में रोज आधा कप पालक ले सकती है। इस बात का ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी में अधिक मात्रा में पालक खाने से दस्त, कब्ज और पथरी होने का खतरा रहता है। इसलिए पालक का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।

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