नईदिल्ली, सरकार और सामाजिक संगठनों के तमाम प्रयासों के बाद भी देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसे देखते हुए देश में ट्रेनों का समुचित आवागमन अभी भी ठप है। हालांकि, ऐसी चर्चा थी कि रेलवे कई स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा कर सकता है लेकिन देश के 5 राज्यों ने रेलवे से कोई भी नई ट्रेन न चलाने की अपील की है। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और झारखंड जैसे राज्यों ने रेलवे से अपील की है कि वो फिलहाल कोई भी नई स्पेशल ट्रेन न चलाए। सूत्रों के मुताबिक, राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए फिलहाल गृह मंत्रालय भी रेलवे को कोई भी नई स्पेशल ट्रेन चलाने की मंजूरी नहीं दे रहा है। इससे पहले रेलवे ने देशभर में कऱीब 90 नई स्पेशल ट्रेनें चलाने की योजना बनाई थी, जिसकी मंजूरी के लिए इसे गृह मंत्रालय के पास भेजा गया था।
दरअसल इन राज्यों में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और कई राज्यों का मानना है कि ट्रेनों के चलने से कोरोना पर कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है। झारखंड ने तो यहां तक कह दिया है कि बिहार की वजह से उनके राज्य में 50 फ़ीसदी मरीज़ संक्रमित हुए हैं। झारखंड राज्य ने पटना और रांची के बीच चलने वाली जनशताब्दी ट्रेन को भी रद्द करा दिया है।
दूसरी तरफ ट्रेनों को लेकर ममता बनर्जी ने भी शुरू से आपत्ति की है और बंगाल सरकार ने पहले ही पूर्वा एक्सप्रेस जैसी कई ट्रेनों की फ्रीच्ेंसी कम करवाकर उन्हें साप्ताहिक ट्रेन बनवा दिया है। वहीं ममता सरकार ने 27 जुलाई को बंगाल से चलने वाली सभी ट्रेनों को रद्द करा दिया और 29 जुलाई को भी पश्चिम बंगाल से चलने वाली सारी ट्रेनें बंद करा दी हैं। बिहार जैसे कुछ ऐसे भी राज्य हैं जहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और राज्य की स्थिति बाढ़ और कोरोना की वजह से लगातार चिंताजनक बनी हुई है, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से ट्रेनों को लेकर फिलहाल चुप्पी बनी हुई है।
रेलवे फिलहाल 12 मई से 30 स्पेशल राजधानी ट्रेन और 1 जून से 200 स्पेशल मेल/ एक्सप्रेस ट्रेनें चला रही है। इनमें से भी कई ट्रेनों को अलग अलग राज्यों की अपील की बाद बंद करना पड़ा है। दूसरी तरफ कोरोना के खौफ के बीच कई ट्रेनों को मुसाफिर तक नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में उम्मीद कम ही है कि रेलवे जल्द ही कुछ और नई ट्रेनें चलाने का ऐलान कर सकता है।
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