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- नईदिल्ली, जिस तरह 5 अगस्त जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के दिन के रूप में याद किया जा रहा है, ठीक उसी तरह से 1 अगस्त भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है. इस दिन को मुस्लिम महिला अधिकार दिवस का नाम दिया गया है. 1 अगस्त को यह दिन मनाया जाएगा. इसके लिए ज़ोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. इस दिन मुस्लिम महिलाओं के लिए किए गए काम और तीन तलाक पर कांग्रेस की लापरवाही और उसकी सियासत भी बताई जाएगी.
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि कुछ लोगों का कुतर्क होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को सिर्फ मुस्लिम महिलाओं के तलाक की ही चिंता क्यों है? उनके आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक सशक्तीकरण के लिए कुछ क्यों नहीं करती? तो ऐसे लोगों के लिए कहना चाहता हूं कि पिछले 6 वर्षों में 3 करोड़, 87 लाख अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप दी गई, जिसमें 60 प्रतिशत लड़कियां हैं. ‘हुनर हाट के माध्यम से लाखों दस्तकारों-शिल्पकारों को रोजगार के मौके मिले, जिनमें बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं शामिल हैं.
केंद्रीय मंत्री का दावा है कि सीखो और कमाओ, गरीब नवाज़ स्वरोजगार योजना, उस्ताद, नई मंजिल, नई रौशनी आदि रोजगारपरक कौशल विकास योजनाओं के माध्यम से 10 लाख से ज्यादा अल्पसंख्यकों को रोजगार और रोजगार के मौके उपलब्ध कराये गए हैं. इनमें बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं शामिल हैं. इतना ही नहीं बिना मेहरम महिलाओं को हज पर जाने की योजना के तहत अब तक बिना मेहरम के हज पर जाने वाली महिलाओं की संख्या 3040 हो चुकी है. इस वर्ष भी 2300 से अधिक मुस्लिम महिलाओं ने बिना मेहरम (पुरुष रिश्तेदार) के हज पर जाने के लिए आवेदन किया था.