मुंबई, एक ओर जहां देश-दुनिया कोरोना वायरस संक्रमण के लिए वैक्सीन विकसित करने में जुटे हैं, वहीं मुंबई ने एक मामले ने सबको चौंका दिया है. मुंबई में एक सीरो-सर्विलांस सर्वेक्षण से जानकारी मिली है कि यहां तीन निकाय वार्डों के झुग्गी क्षेत्र में रहने वाली 57 फीसदी आबादी और झुग्गी इलाकों से इतर रहने वाले 16 फीसदी लोगों के शरीर में एंटीबॉडी बन गई हैं. इससे संकेत मिलते हैं कि कोरोना वायरस के आधिकारिक आंकड़ों से कहीं अधिक लोग पहले ही इससे संक्रमित हो चुके हैं. इसके साथ ही इससे यह बात भी सामने आई है कि मुंबई अब हर्ड इम्युनिटी (बड़ी आबादी में वायरस के प्रसार के बाद प्रतिरोधक क्षमता विकसित होना) की ओर बढ़ रही है.
सीरो-सर्विलांस तीन जून को शुरू हुआ था और जुलाई माह के पहले पंद्रह दिन में तीन निकाय वार्डों आर नॉर्थ, एम-वेस्ट, एफ-नॉर्थ के झुग्गी बस्ती में रहने वालों और झुग्गी से इतर इलाकों में रहने वालों के 6,936 नमूने लिए गए. इसमें पता चला कि शहर में बिना लक्षण वाले संक्रमण से पीडि़त लोगों की संख्या काफी ज्यादा है. बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने मंगलवार को बताया कि अध्ययन में खुलासा हुआ है कि इन तीन निकाय वार्डों की झुग्गी में रहनेवाली 57 फीसदी आबादी और गैर झुग्गी क्षेत्रों की 16 फीसदी आबादी के शरीर में एंटबॉडी बन गए हैं. बीएमसी ने विज्ञप्ति में बताया, यह परिणाम हर्ड इम्युनिटी के बारे में और अधिक जानकारी हासिल करने में महत्वपूर्ण है.
बीएमसी ने कहा कि इस संबंध में अन्य सर्वेक्षण होगा जो कि वायरस के प्रसार और हर्ड इम्युनिटी (बड़ी आबादी में वायरस के प्रसार के बाद प्रतिरोधक क्षमता विकसित होना) पर प्रकाश डालेगा. यह सीरो सर्विलांस नीति आयोग, बीएमसी और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल सिसर्च ने संयुक्त रूप से किया है
निकाय अधिकारियों का दावा है कि सीरो सर्विलांस का यह परिणाम इस ओर इशारा करता है कि बिना लक्षण वाले संक्रमण की दर अन्य सभी प्रकार के संक्रमण से अनुपात में ज्यादा है. बीएमसी ने कहा, हालांकि जनसंख्या में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में संक्रमण दर आंशिक रूप से ज्यादा है.
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