लखनऊ। साइबर अपराध के गढ़ जामताड़ा में देवघर, दुमका एवं गिरिडीह (झारखण्ड) में काल सेंटर चलाकर जनता की करोड़ो की गाढी कमाई पर आनलाइन डाका डालने वाले अन्र्तराज्यी गिरोह के 9 सदस्यों को हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर
लिया। पकडे गए आरोपियों के पास से तीन लाख रूपए, सात मोबाइल और एक लैपटाॅप बरामद हुआ। जेसीपी अपराध नीलाब्धा चैधरी ने पुलिस लाइन में पत्रकारों को संबोतिध करते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए रूपक कुमार मण्डल, गोपाल मण्डल, लल्लन मण्डल, योगानंद प्रसाद, प्रमोद कुमार मण्डल, नीरज मण्डल, हरिहर मण्डल,
रजीत मंडल, व राहुल आर्या सभी झारखण्ड के रहने वाले हैं। पकडे गए आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह लोग सेवानिवृत् गे्रज्युटी प्राप्त धारकों, जुडिसियल अधिकारियों की लिस्ट पीडीएफ प्रारूप में हासिल हुई है। इस डाटा का प्रयोग आरोपी कालिंग कर साइबर ठगी के लिए करते हैं। इनका यह संगठित गिरोह है। जिन्होंने अब तक उप्र, मप्र छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों में साइबर ठगी की है। अभियुक्तों के बारे में पता चला कि वे लोग छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न थाना क्षेत्रों में करोड़ो की ठगी कर
चुके हैं। जिनके खिलाफ केस दर्ज हैं। यह गिरोह मुख्य रूप से पेंशनधारकों को अपना निशाना बनाता है। या फिर उन्हें जिन्हें आनलाइन बैंकिग की
जानकारी नहीं है। ये गिरोह पहले इण्टरनेट बैंकिग एक्टीवेट कराते हैं। उसके बाद फिर बैंक एकाउंट में जमा धनराशि की एफडी कराते हैं। उस एफडी से
फिर लोन कराते हैं और लोन होने के बाद समस्त बैंक एकाउंट से विभिन्न फर्जी नाम व पते से खुले खातों एवं ई-वैलेट में स्थानान्तरण करा लेते
हैं। लेकिन इनका एक्सेस कंट्रोल आरोपियों के पास की रहता है। जिसकी पुष्टि बैक द्वारा प्रदत्त डिजिटल एविडेंस व आईपी एडेªस से की गई है। जेसीपी अपराध नीलाब्धा चैधरी ने बताया कि ऐसा लग रहा है कि इनका नेटवर्क पूरे भारत में है। इन अपराधियों ने जालसाजी के जरिए करोड़ो की संपत्ति अर्जित कर तमाम कोठियां खड़ी कर ली हैं। जिनके विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट में भी कार्यवाही की गई है।
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