लखनऊ। खुद को डिप्टी सीएम का बेटा बताकर राज्य मंत्री को नौकरी के लिए फोन करने वाले शातिर जालसाज को हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने मंत्री से स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एक संविदा कर्मी को स्थायी नौकरी देने की सिफारिश की थी। पुलिस ने इस मामले में उस संविदा कर्मी को भी गिरफ्तार किया है, जिसने आरोपी को नौकरी दिलाने के एवज में रुपये दिए थे।
एसीपी हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि 30 जुलाई को चिकित्सा एवं परिवार कल्याण और मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग के राज्य मंत्री अतुल गर्ग के पास एक अनजान नंबर से फोन आया।
फोनकर्ता ने अपना परिचय डिप्टी सीएम के बेटे के रूप में दिया। उसने एटा में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत संविदा कर्मी सुशील कुमार सिंह को विभाग में स्थायी नौकरी देने की सिफारिश की। इस पर उन्होंने सारी डिटेल व्हाट्स एप पर भेजने के लिए कहा। कुछ देर बाद आरोपी ने मंत्री को दोबारा फोन किया और व्हाट्स एप में दिक्कत आने की बात कहकर डिटेल नोट करने के लिए कहा। इस पर मंत्री ने अपने निजी सचिव ललित कुमार दिवाकर को डिटेल नोट करने के लिए कहा।
पुलिस से की शिकायत
निजी सचिव ने आरोपी से डिटेल नोट करने के बाद पड़ताल की तो पता चला कि फोनकर्ता का डिप्टी सीएम से कोई सम्बंध नहीं है। उन्होंने राज्य मंत्री अतुल गर्ग को इस बारे में बताया तो उन्होंने कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद ललित कुमार दिवाकर ने हजरतगंज पुलिस को घटनाक्रम की जानकारी देकर मुकदमा दर्ज कराया है। मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच व हजरतगंज पुलिस की टीम ने गुरुवार दोपहर 1090 चौराहे के पास से एटा के चपरी हाऊस निवासी राजेश कुमार गुप्ता और सुशील कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
ढाई लाख रुपये में तय हुआ था सौदा
इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पाण्डेय ने बताया कि आरोपी राजेश कुमार ने डिप्टी सीएम का बेटा बनकर राज्य मंत्री अतुल गर्ग को फोन किया था। पूछताछ में सामने आया कि राजेश की पत्नी भी एटा में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है। पत्नी के जरिए ही उसकी मुलाकात संविदा कर्मी सुशील कुमार से हुई थी। राजेश खुद को पत्रकार बताता था, जिससे सुशील उसके प्रभाव में आ गया और अपनी नौकरी के लिए बात की। इंस्पेक्टर ने बताया कि राजेश ने सुशील से नौकरी के नाम पर ढाई लाख रुपये की डील की थी, जिसमें से कुछ रुपये एडवांस लिए थे। पुलिस ने उसके पास से वह मोबाइल फोन भी बरामद किया है, जिससे उसने राज्य मंत्री को फोन किया था। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं राजेश ने पूर्व में भी इस तरह की ठगी की है या नहीं।