इस्लामाबाद, पाकिस्तान हर बार की तरह इस बार भी अपने बयान से पलट गया है। पाकिस्तान ने 27 साल बाद आखिर मान लिया था कि मोस्टवांटेड आतंकी व 1993 में मुंबई धमाकों का गुनहगार दाऊद इब्राहिम कराची में ही है। दुनियाभर में आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाले वित्तीय कार्रवाई कार्यबल एफएटीएफ की काली सूची से बचने की कोशिश में पाकिस्तान को मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है। हालांकि अब पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का कहना है कि दाऊद इब्राहिम उसके देश में नहीं है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय मीडिया में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान ने अपनी जमीन पर दाऊद इब्राहिम की मौजूदगी को स्वीकार किया है, ये दावा निराधार और भ्रामक है। साथ ही इस बात को भी खारिज कर दिया कि पाकिस्तान 88 आकाओं पर नए प्रतिबंध लगा रहा है।
दरअसल, एफएटीएफ की निगरानी की लिस्ट से बाहर आने की कोशिशों के तहत पाकिस्तान ने आतंकियों की लिस्ट जारी की थी। जिसमें दाऊद इब्राहिम का भी शामिल था। बताया गया था कि कराची के क्लिफ्टन इलाके के व्हाइट हाउस में दाऊद इब्राहिम रहता है।
अब अपने बयान से पलटते हुए पाक विदेश मंत्रालय ने कहा, 18 अगस्त 2020 को दो एसआरओ जारी किए गए थे। इस लिस्ट में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार नामित व्यक्तियों और संस्थाओं के नाम हैं। ऐसे एसआरओ समय-समय पर जारी किए जाते हैं।1 आखिरी बार इस तरह के एसआरओ 2019 में जारी किए गए थे।
बताते चलें कि दाऊद इब्राहिम मुंबई हमले का मास्टमाइंड है। उसने 1993 में मुंबई में बम धमाके करवाए थे। मुंबई धमाके के बाद वह परिवार सहित वह मुंबई से भाग गया। दाऊद का नाम भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है। इस घटना में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई दहल गई थी। कई मौके पर इस बात के सबूत दुनिया के सामने आते रहे कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है। लेकिन हर बार पाकिस्तान इससे इनकार करता रहा। दुनिया के कई देशों को इसकी तलाश है।