नईदिल्ली, इंडियन प्रीमियर लीग के एक मुश्किल समाप्त होती है तो दूसरी शुरू हो जाती है। टाइटल स्पॉन्सरशिप की मुश्किलों से निकलने के बाद बोर्ड के सामने अब एक और दिक्कत आ गई है। फ्यूचर ग्रुप ने आईपीएल असोसिएट सेंट्रल स्पॉन्सरशिप से हाथ पीछे खींच लिए हैं।
बीते पांच साल से फ्यूचर ग्रुप आईपीएल के साथ जुड़ा हुआ था लेकिन इस साल उसने लीग से अपना संबंध खत्म करने का फैसला किया है। आईपीएल की आधिकारिक वेबसाइट ने भी फ्यूचर ग्रुप का नाम असोसिएट स्पॉन्सर की लिस्ट से हटा दिया है। बोर्ड फ्यूचर ग्रुप की रिप्लेसमेंट तलाश रहा है। खबर है कंपनी आईपीएल से अलग होना चाह रही थी और शायद बीच रास्ते में यूं छोडऩे पर बोर्ड उस पर पेनल्टी भी लगाए।
सूत्रों के अनुसार, फ्यूचर ग्रुप के पीछे हटने की बड़ी वजह स्पॉन्सरशिप के लिए अधिक कीमत चुकाना भी है। हालांकि बोर्ड तभी राजी होगा जब फ्यूचर ग्रुप पेनल्टी भरने पर सहमत होगा।
इससे पहले दिल्ली फ्रैंचाइजी के साथ 2015 से जुड़ा डायकन एयर-कंडीशनिंग ने भी अलग होने का फैसला किया था। वह दिल्ली की टीम का मुख्य स्पॉन्सर था। हालांकि दिल्ली की टीम ने जल्द ही जेएसडब्ल्यू ग्रुप को नया मुख्य स्पॉन्सर बना दिया।
वीवो इंडिया ने देश में चीन विरोधी माहौल को देखते हुए आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर से पीछे हटने का फैसला किया था। बीसीसीआई ने फिर इस साल के लिए नीलामी की घोषणा की। ड्रीम11 को इस साल की टाइटल स्पॉन्सरशिप 222 करोड़ रुपये में दी गई जो वीवो के 440 करोड़ रुपये के काफी कम रही। हालांकि बोर्ड ने दो अन्य असोसिएट स्पॉन्सर साथ जोडऩे की कवायद शुरू की ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके। अब फ्यूचर ग्रुप के हटने से एक और परेशानी आ गई है।