वॉशिंगटन, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में महज 50 दिन से भी कम का वक्त बचा है। रिपब्लकिन पार्टी के उम्मीदवार और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारतीय मूल के वोटरों को रिझाने की कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
उधर, डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन भी कमला हैरिस के जरिए भारतवंशी सहित अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के मतदातों को अपने पाले में लाने की कवायद कर रहे हैं। हालांकि, यह पहली बार है जब दोनों बड़ी पार्टियां भारतीय हिंदू अमेरिकी वोटरों को रिझाने की पूरी कोशिश कर रही है।
ट्रंप कैंप ने हिंदू वॉयस फॉर ट्रंप अभियान की शुरुआत की है, तो बाइडन कैंप की तरफ से हिंदू अमेरिकंस फॉर बाइडन कैंपेन चला रहा है। मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो अमेरिकी चुनाव में 20 लाख भारतीय हिंदू काफी अहम भूमिका निभाने वाले हैं। राष्ट्रपति चुनाव में नतीजों को तय करने वाले कई राज्यों में इनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भारतीय-अमेरिकी नेता राजा कृष्णमूर्ति का कहना है कि उन्होंने अपने समुदाय के लोगों को वोट यानी अपने धर्म का पालन करने के लिए कहा है।
कृष्णमूर्ति इलिनोइस से तीन बार से डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद हैं। उन्होंने बाइडन के लिए हिंदू अमेरिकी नाम से एक औपचारिक अभियान भी शुरू किया है। कृष्णमूर्ति ने कहा कि उन्होंने अपने समुदाय के लोगों को डिजिटल संबोधन में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बाइडन और कमला हैरिस के लिए 3 नवंबर को वोट डालने की अपील की है। वह बताते हैं, मुझे लगता है कि वसुधैव कुटुंबकम हिंदुओं का मूल नैतिक मूल्य है। इसी वजह से बाइडन को चुनना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, वॉशिंगटन में एक पुरानी कहावत है कि अगर आपके पास टेबल पर बैठने के लिए जगह नहीं है, तो आप मेन्यू में शामिल हैं। कोई हिंदू अमेरिकी मेन्यू कार्ड में शामिल होना पसंद नहीं करेगा और न ही हमारा यह अजेंडा है। इसीलिए आपका वोट करना बहुत जरूरी है।
अमेरिकी चुनाव के आखिरी हफ्ते में उम्मीदवारों का जोर स्विंग स्टेट्स पर होता है। इन्हें लुभाने के लिए उम्मीदवार अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं। स्विंग स्टेट्स वैसे राज्य होते हैं, जहां का वोटर किसी के भी पक्ष में मतदान कर सकता है। इस लिहाज से फ्लोरिडा, वर्जीनिया, पेन्सिलनाविया, मिशिगन और विस्किंसन जैसे राज्यों में हिंदू अमेरिकी वोट काफी मायने रखते हैं। ट्रंप पत्र की तरफ से कहा जा रहा है, अगर राष्ट्रपति ट्रंप दोबारा चुने गए, तो अमेरिका में हिंदुओं की धार्मिक आजादी की राह में आने वाली बाधाओं को कम किया जाएगा।
बता दें कि 2016 में ट्रंप ने पहली बार इस मतदाता वर्ग तक पहुंच बनाई थी। ट्रंप ने न्यू जर्सी में न सिर्फ हिंदुओं की रैली को संबोधित किया, बल्कि उनका परिवार वर्जीनिया और फ्लोरिडा जैसे स्विंग स्टेट्स में हिंदू मंदिर भी गए थे।