लखनऊ , देश के संसद में बगैर बहस कराये, बिना मत विभाजन को स्वीकार किये तानाशाहीपूर्ण तरीके से किसान विरोधी पारित किये गये तीन कृषि कानून, दरअसल सही मयाने में सब कुछ बाजार के हवाले करना है जोकि किसानों के हितों के खिलाफ सबसे बड़ा विश्वासघात है।
गुरूवार को प्रदेश कार्यालय पर मीडिया से मुखातिब होते हुए यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि तीनों नये कृषि कानूनों में एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूूल्य का जिक्र न किये जाने से सरकारी अनाज मंडिया सब्जी तथा फल मंडिया समाप्त हो जायेंगी जिसके चलते किसान पूंजीपतियों द्वारा तय किये गये मूल्य पर अपने उत्पादित फसल को बेचने को बाध्य हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि अनाज मण्डी, सब्जी व फल मण्डी खत्म करने से कृषि उपज व्यवस्था पूरी तरीके से नष्ट हो जाएगी और पूंजीपतियों को फायदा होगा क्योंकि मंडियां किसान की फसल के सही वजन और सही मूल्य पर बिक्री की गारंटी होती है। कहा कि कांग्रेस पार्टी की मांग है कि एक देश-एक समर्थन मूल्य के तहत पूरे प्रदेश में सारी फसलों अनाज, फल, सब्जी तीनों चीजों के पूरे देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होना चाहिए तथा नये कानून में एमएसपी का जिक्र किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि नये कानून के तहत किसान के किसी भी उपज की खरीद एमएसपी से नीचे नहीं होनी चाहिए।
नये कानून में कृषि उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का जिक्र न होना इस बात की तरफ इशारा करता है कि सरकार ने कृषि व्यवस्था को पूरी तरह से कारपोरेट व पूंजीपतियों के हवाले कर दिया है। इससे देश की कृषि व्यवस्था जिसमें 86.4 प्रतिशत किसान जिसकी जोत 2 एकड़ से कम है वह नई प्रतिस्पर्धात्मक व्यवस्था से बाहर हो जायेगा और किसान अधिकार विहीन हो जाएगा। लल्लू ने कहा कि ऐसे में किसान की हैसियत मात्र एक मजदूर की हो जाएगी।(केवल मेहनत और उत्पादन करे) आवश्यक वस्तु अधिनियम की सूची से अनाज, दालें, खाद्य तेल, आलू, प्याज आदि बुनियादी चीजों को बाहर करने से कारोबारी जमा खोरी करना शुरू कर देंगे, कीमतों में अस्थिरता आ जायेगी और देश में कालाबाजारी बढ़ जाएगी जिसका खामियाजा देश की बेहाल परेशान जनता को भुगतना पड़ेगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गये इस काले कानून से जहां एक तरफ हमारे देश और प्रदेश के किसान अधिकारविहीन और बेचारा बनकर रह जायेंगे वहीं एक बहुत बड़ा विभाग मंडी परिषद जिसमें लाखों लोग नौकरी से जुड़े हैं और उनके परिवार का भरण पोषण हो रहा है मंडी परिषद और विपणन समितियों का समापन हो जाएगा जिसमें सेवा दे रहे लाखों लाख कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।
मंडी परिषद की आय से ग्राम स्तर तक जो विकास कार्य हो रहे हैं वह बन्द हो जायेंगे। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार द्वारा हड़बड़ी में एक महीना पूर्व रवी फसल की घोषित की गयी नई एमएसपी में इतिहास की सबसे कम बढ़ोत्तरी की गयी है। जो मात्र 2.6 प्रतिशत है जबकि इस दौरान उर्वरक, डीजल और जरूरी चीजों के दाम 60 प्रतिशत से ज्यादा बेतहाशा बढ़े हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इस नये काले कानून के खिलाफ शुक्रवार 25 सितम्बर से 31 अक्टूबर तक व्यापक जनान्दोलन चलाने की घोषणा की। उन्होने कहा कि आज पूरे प्रदेश में इस काले कानून के खिलाफ प्रेसवार्ता की जा रही है।
25 सितम्बर को सोशल मीडिया के माध्यम से खेती-किसानी पर हुए इस हमले के खिलाफ कैम्पेन चलाया जाएगा। 28 सितम्बर को कांग्रेसजन आम जनता व किसानों के साथ प्रदेश की विधानसभा का घेराव करेंगे। दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व लालबहादुर शास्त्री की जयन्ती पर इस काले कानून के खिलाफ ब्लाक मुख्यालयों पर सत्याग्रह करेगी। इसके उपरान्त 31 अक्टूबर तक लगातार कांग्रेस जनों द्वारा इस मुद्दे को लेकर केन्द्र व प्रदेश की भाजपा सरकार के द्वारा बनाये गये किसान विरोधी कानून के खिलाफ आम जनता के बीच जाकर जनजागरण अभियान चलायेगी।