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धोखाधड़ी केस में आरोपी मेहुल चौकसी एंटीगुआ में

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13 हजार करोड़ रुपए के बैंक घोटाले का आरोपी हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी एंटीगुआ में है। केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया कि कैरेबियन देश से पासपोर्ट हासिल करने के बाद चौकसी इसी महीने अमेरिका से एंटीगुआ पहुंचा। दरअसल वहां एंटीगुआ नेशनल डेवलपमेंट फंड में सिर्फ दो लाख डॉलर (करीब 1.3 करोड़ रुपए) जमा करके कोई भी नागरिकता हासिल कर सकता है। हालांकि, वहां की सिटिजनशिप वेबसाइट कहती है कि अपराधियों को नागरिकता नहीं दी जाती।
एंटीगुआ में रियल एस्टेट में चार लाख डॉलर (करीब 2.6 करोड़ रुपए) या दूसरे कारोबार में 15 लाख डॉलर (करीब 10.3 करोड़ रुपए) का निवेश करके भी नागरिकता ली जा सकती है। मेहुल वहां का पासपोर्ट हासिल करने के बाद अब यूके समेत 132 देशों की यात्रा कर सकता है। उसे एंटीगुआ में लगातार रहना भी जरूरी नहीं है। वहां सिर्फ पांच साल में पांच दिन रहकर अपनी नागरिकता बरकरार रख सकता है।

उधर, एंटीगुआ के एक अखबार ने भी मेहुल के वहां होने की पुष्टि की है। उसने वहां के नागरिकता विभाग के हवाले से बताया कि मेहुल को अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन की जांच के बाद नवंबर 2017 में पासपोर्ट दिया गया था। इस संबंध में सीबीआई ने भी एंटीगुआ सरकार से मेहुल की लोकेशन मांगी है। हालांकि, इसका अभी जवाब नहीं आया है।
बैंकिंग इंडस्ट्री के सबसे बड़े फ्रॉड का खुलासा होने पर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चौकसी और उसके भांजे नीरव मोदी के खिलाफ जांच शुरू की थी। इंटरपोल ने जून में नीरव के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, जबकि मेहुल के लिए अपील पेंडिंग है। पासपोर्ट जारी होने पर ईडी ने एंटीगुआ सरकार से संपर्क साधा। सीबीआई चौकसी के खिलाफ दो मामलों में चार्जशीट दायर कर चुकी है। इसके अलावा मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।
भगोड़े कारोबारी मेहुल चौकसी ने अपने खिलाफ सोमवार को गैर-जमानती वारंट को रद्द किए जाने की मांग की। उसने कहा कि अगर मुझे भारत लाया गया तो जनता मार डालेगी। देश में मेरे खिलाफ काफी गुस्सा है। इनमें पूर्व कर्मचारी, कर्जदाता, जेल कर्मचारी और कैदी शामिल हैं। भारत में भीड़ की पिटाई से हत्‍या के कई मामले सामने आए हैं।
इसकी शुरुआत पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रेडी हाउस ब्रांच से 2011 से हुई। नीरव और मेहुल ने कुछ बैंक अफसरों को अपने साथ मिलाकर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) जारी कराए। इनके जरिए 2018 तक हजारों करोड़ की रकम विदेशी खातों में ट्रांसफर की गई। इसका खुलासा जनवरी में हुआ, जब पंजाब नेशनल बैंक ने सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले की जानकारी दी। बाद में पीएनबी ने सीबीआई को 1300 करोड़ के नए फ्रॉड की जानकारी दी। इस तरह घोटाले की रकम 13,400 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।

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