लखनऊ। राजधानी में रविवार को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड किया है। जानकारी के मुताबिक यूपी एसटीएफ को बीते कुछ दिनों से बेरोजगार युवकों से सचिवालय व अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी होने की शिकायत मिल रही थी। इस संबंध में यूपी एसटीएफ की कई टीमें इस गिरोह की तलाश में लगी हुई थीं।
रविवार को एक मुखबिर के जरिये एसटीएफ के अधिकारियों को पता चला कि सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का सरगना देवेश कुमार मिश्र अपने गिरोह के कुछ सदस्यों के साथ अरविंदों पार्क थाना क्षेत्र इंदिरानगर के पास किसी से मिलने आने वाला है। इस सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही के पर्यवेक्षण में उप निरीक्षक सत्येंद्र विक्रम सिंह के नेतृत्व में बृजेश सिंह, प्रदीप सिंह, अनिल सिंह, नीरज पाण्डेय, शैलेंद्र सिंह की एक टीम मुखबिर द्वारा बताए स्थान पर पहुंचकर मुखबिर के संकेत पर उसकी पहचान का विश्वास करते हुए आवश्यक बल प्रयोग कर दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में उन्होंने अपना नाम देवेश कुमार मिश्र व विनीत कुमार मिश्र बताया। जिनके पास से कुछ कूटरचित नियुक्ति पत्र, फर्जी आदेश पत्र, अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र, कुछ अभ्यर्थियों की फोटो, दो रजिस्टर, दो मोबाइल फोन, दो पैन कार्ड व अन्य दस्तावेजों सहित एक स्विफ्ट कार नंबर यूपी 32 के डी 7455 बरामद की है।
इन अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि उनका एक गिरोह है जो बेरोजगार नौजवानों को ढूंढता है और उन्हें सचिवालय व अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का लालच देकर उनसे पैसे लेते हैं और उनको एक फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किया जाता है। इस नियुक्ति पत्र में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार का हस्ताक्षर कर आदेश टाइप किया जाता है।
अभ्यर्थियों से सचिवालय के बाहर ही मुलाकात की जाती थी, जिससे उन्हें विश्वास हो जाता था। प्रति अभ्यर्थी क्लर्क के पद के लिए चार से पांच लाख रुपये और चपरासी पद के लिए दो से तीन लाख रुपये तक लिये जाते थे। अभ्यर्थियों से मिले पैसों को काम के हिसाब से गिरोह के सदस्यों में बांट दिया जाता था।
पुलिस ने इन अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और विधिक कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ साथ यह भी पडताल की जा रही है कि कहीं इनके तार सचिवालय के किसी अधिकारी या कर्मचारी से तो नहीं जुडे हैं।