पेरिस, पेरिस के बाहरी इलाके में एक पुलिस थाने पर दर्जनों लोगों ने रविवार को पटाखों और धातु की छड़ों से हमला किया और पुलिस की कई गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ की। अधिकारियों ने बताया कि इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ।
पुलिस अधिकारियों पर और दमकल कर्मियों में हाल में हुए विभिन्न हमलों में यह नवीनतम है और गृह मंत्री गेराल्ड दारमानीं ने कहा कि यह संकेत है कि फ्रांस में बर्बरता बढ़ रही है।
पेरिस के एक उपनगर में पिछले हफ्ते सादी वर्दी में तैनात दो पुलिसकर्मियों को उनकी गाडिय़ों से बाहर खींचकर उन्हीं की बंदूकों से गोली मारी गई थी। इस हमले में घायल एक पुलिस अधिकारी की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। गृह मंत्री ने रविवार को बताया कि राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा संबंधी उपायों पर चर्चा करने के लिये बृहस्पतिवार को पुलिस संघों से मुलाकात करेंगे।
उन्होंने कहा, पुलिस (फ्रांसीसी) गणराज्य है और गणराज्य ही पुलिस है। उन्होंने कहा कि हमला भयानक बर्बरता का एक और संकेत था जो फ्रांसीसी मूल्यों को कमतर करता है। उन्होंने मादक द्रव्य के तस्करों पर हालिया पुलिस कार्रवाई से इस हमले को जोड़ा और कहा कि इसका उद्देश्य पुलिसकर्मियों का मनोबल तोडऩा है। जिस पुलिस थाने पर हमला हुआ वह एक आवासीय परियोजना में स्थित है जहां 10 हजार रहवासी हैं।
पुलिस संघ, युनाइट एसजीपी पुलिस के एक अधिकारी रोक्को कोंतेन्तो ने बीएफएमटीवी से कहा कि आवासीय परियोजना वाल दा मार्ने क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी का अड्डा है। डर्मानिन ने कहा कि वह एक सुरक्षा विधेयक में संशोधन करना चाहते हैं जिसके तहत आतिशबाजी को एक तरह के हथियार के तौर पर परिभाषित किया जाएगा और उनकी बिक्री को प्रतिबंधित किया जाएगा, इंटरनेट पर भी।
रविवार को सुबह करीब 40 लोगों का गिरोह शामपिनी सुर मार्ने के आवासीय परियोजना में स्थित पुलिस थाने पर पहुंचा और वहां पटाखों और दूसरी चीजों से हमला शुरू कर दिया। इस क्षेत्र का प्रभार देखने वाले पेरिस पुलिस मुख्यालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। हमलावरों ने धातु की छड़ों से वहां खड़ी पुलिस की गाडिय़ों को भी नुकसान पहुंचाया।