वाशिंगटन, हमारे सौर मंडल में सिर्फ धरती ही इकलौता ग्रह नहीं है जिस पर बिजलियां गिरती हैं। तूफान आते हैं। बादल फटते हैं। कई अन्य ग्रह भी हैं जहां पर ऐसी गतिविधियां देखने को मिलती हैं।
फिलहाल हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह पर इस समय भयानक तूफान आया हुआ है। बताया जा रहा है कि यहां बादलों के चक्रवात बन रहे हैं। ताबड़तोड़ बिजलियां गिर रही हैं। ये बिजलियां भी दो प्रकार की हैं। इनकी बेहद हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आईं हैं।
तूफानों, बादलों और बिजलियों की मार झेल रहे ग्रह का नाम है बृहस्पति है। नासा के जूनो स्पेसक्राफ्ट ने इन तूफानों, कड़कती हुई बिजलियों और उमड़ते हुए बादलों की तस्वीरें ली हैं। जूनो से प्राप्त तस्वीरों का अध्ययन करने पर पता चला कि यहां पर दो तरह की बिजलियां कड़क रही हैं।
इस मामले में नासा के वैज्ञानिकों ने एक का नाम स्प्राइट दिया है। दूसरे का नाम एल्व्स दिया है। हैरान कर देने वाली बात ये है कि ये बिजलियां ग्रह की सतह पर नहीं बल्कि वायुमंडल से ऊपर कड़क रही हैं। इसकी वजह से अंतरिक्ष में रोशनी देखने को मिल रही है।
बताया जा रहा है कि स्प्राइट इतनी तेज कड़कती है जो सैकड़ों किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में एक स्पॉट पर दिखाई देती है। जबकि, एल्व्स वायुमंडल के ऊपर सैकड़ों किलोमीटर में फैला हुआ दिखाई देता है। इसमें छोटे-छोटे स्पार्क दिखाई देते हैं। यानी इसके अंदर एकसाथ कई बिजलियां कड़कती रहती हैं।
बादलों के नीचे और ऊपर की तरफ तेज रोशनी दिखाई देती है। नासा के वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया तो पता चला कि वायुमंडल के ऊपर मौजूद नाइट्रोजन कण दूसरे गैसों से टकरा कर इस तरह की क्रिया कर रहे हैं।
साल 2016 से लेकर 2020 के बीच जूनो स्पेसक्राफ्ट ने बृहस्पति ग्रह पर 11 तेज और बेहद बड़ी बिजलियां गिरते हुए रिकॉर्ड किया। ये बिजलियां तीव्रता और क्षेत्रफल में काफी बड़ी थीं।