नई दिल्ली, कोरोना काल में पूरे देश में स्मार्टफोन और इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन इसी बीच अगस्त माह में ग्रामीण भारत में टेलीफोन के 5.3 लाख ग्राहक घटे हैं। इनमें स्मार्टफोन और लैंडलाइन दोनों के ग्राहकों में कमी शामिल है। इसके साथ ही ग्रामीण भारत में टेली घनत्व 59.06 फीसदी हो गया है, जबकि शहरों का टेली घनत्व 138.17 फीसदी हो चुका है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में टेली घनत्व का यह अंतर उनके बीच आर्थिक विकास की प्रकृति को भी रेखांकित करता है।
कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन होने और कंपनियों के द्वारा अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा देने से शहरों में इसी दौरान स्मार्टफोन और इंटरनेट सेवाओं के ग्राहकों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। टेलीफोन रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल टेलीफोन ग्राहकों की संख्या जुलाई के 116.4 करोड़ से बढ़कर अगस्त में 116.781 करोड़ (0.68 फीसदी की वृद्धि) हो गई है। इसके साथ ही शहरों का टेली घनत्व 138.17 फीसदी हो चुका है।
शहरों में स्मार्टफोन ग्राहकों के साथ-साथ लैंडलाइन फोन के ग्राहकों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पूरे देश की दृष्टि से कुल ग्राहकों में 0.33 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है।
वायरलेस सर्विसेज में भी कमी
पूरे देश में वायरलेस सर्विसेज में वृद्धि दर्ज की गई है। वायरलेस के माध्यम से फोन-इंटरनेट सेवाओं के इस्तेमाल करने वालों की संख्या 114.41 करोड़ से बढ़कर अगस्त माह में 114.79 करोड़ हो गई है। लेकिन इसी दौरान ग्रामीण भारत में इस मामले में भी कमी आई है।
ग्रामीण भारत के 52.35 करोड़ ग्राहकों की बजाय अगस्त माह में 52.29 करोड़ ग्राहक ही रह गए हैं। कुल ग्राहकों की संख्या में कमी के बाद भी इंटरनेट खपत के मामले में ग्रामीण भारत में भी अच्छी प्रगति हुई है। ग्रामीण भारत कोरोना काल से पूर्व लगभग 40 फीसदी इंटरनेट खपत करता था, जो अब बढ़कर 45 फीसदी हो गया है।
इस खपत में अगले वर्ष में भी बढ़त का अनुमान लगाया गया है। ग्रामीण भारत में कोरोना काल में इंटरनेट सेवाओं में शहरों के 15 फीसदी लगभग के मुकाबले 30 फीसदी की तेज वृद्धि हुई थी।