मुंबई : महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात विशेष नवजात देखरेख इकाई में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई. डॉक्टरों ने यह जानकारी दी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र अस्पताल अग्निकांड पर दु:ख व्यक्त किया. एक डॉक्टर ने बताया कि नवजात बच्चों की उम्र एक महीने से तीन महीने के बीच थी. जिला सिविल सर्जन प्रमोद खंडाते ने बताया कि भंडारा जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात एक बजकर 30 मिनट के आसपास आग लग गई. इकाई में 17 बच्चे थे, जिनमें से सात को बचा लिया गया.
डॉक्टर ने बताया कि सबसे पहले एक नर्स ने अस्पताल के शिशु देखभाल विभाग से धुआं उठते देखा, जिसके बाद डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को खबर की गई. इकाई के ‘इनबाउंड वार्ड’ से सात बच्चों को दमकल कर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया लेकिन 10 बच्चों को बचाया नहीं जा सका.
डॉकटर ने बताया कि बच्चों को जिस वार्ड में रखा जाता है, वहां लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जरूरत होती है. उन्होंने बताया, ‘‘वहां आग बुझाने वाले उपकरण थे और कर्मियों ने उनसे आग बुझाने की कोशिश की.
अभी तक आग लगने के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन शॉर्ट सर्किट होने का संदेह है.
आग का शिकार होने वाले बच्चों के माता-पिता को जानकारी दे दी गई है. बचाए गए सात बच्चों को दूसरे वार्ड में भेज दिया गया है.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है. वह शाम 5 बजे तक भंडारा अस्पताल का दौरा करेंगे.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘महाराष्ट्र के भंडारा में दिल दहला देने वाला हादसा, जहां हमने अनमोल मासूमों को खो दिया. मेरी सहानुभूति सभी शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. आशा करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं.