चंडीगढ़ , पंजाब में हुए निकाय चुनाव के नतीजे घोषित हो रहे हैं। राज्य में कुल 117 निकायों पर 9000 से अधिक प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था। पंजाब में अभी कांग्रेस की सरकार है। इधर किसान आंदोलन के चलते पंजाब के निकाय चुनाव दिलचस्प होने की बात कही जा रही है। जैसे-जैसे चुनाव रिजल्ट सामने आए हर जगह से बीजेपी को निराशा हाथ लगी। वॉर्डों में कांग्रेस और अकाली दल का ही परचम लहराया। कुछ जगहों पर आप का प्रदर्शन भी ठीक रहा लेकिन बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की बीजेपी सरकार में मंत्री रहे तीक्ष्ण सूद की पत्नी तक चुनाव हार गईं।
निकाय चुनाव में बीजेपी को मायूसी हाथ लगी है और इसके पीछे वजह किसानों का गुस्सा माना जा रहा है। किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में है और निकाय चुनाव के नतीजों में यह साफ झलक रखा है।
9,222 प्रत्याशी लड़े चुनाव
पंजाब निकाय चुनाव के लिए 14 फरवरी को 71 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस चुनाव में 9,222 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी थी। इन उम्मीदवारों में कांग्रेस के 2,037, आप के 1,606, अकाली दल के 1,569, बीजेपी के 1,003, बीएसपी के 160, सीपीआई के 2, अकाली दल अमृतसर 2, एनसीपी के 4 और सर्व सांझी पार्टी का एक उम्मीदवार शामिल है।
कई निर्दलीय प्रत्याशियों को बीजेपी ने किया समर्थन
इस चुनाव में कुल 2,832 निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी अपनी किस्मत आजमाई है। कई निर्दलीय प्रत्याशी भले ही किसी पार्टी से न लड़े हों लेकिन उन सीटों पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशी खड़े नहीं किए और बैकडोर से इन निर्दलीय प्रत्याशियों का समर्थन किया था।
इन इलाकों में फिर से होंगे चुनाव
पंजाब राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने एसएएस नगर के नगर निगम चुनाव में 14 फरवरी को मतदान के दौरान दो बूथों पर अनियमितता की खबरें मिलने के बाद इन स्थानों पर फिर से चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं।
इससे पहले पटियाला के पतरन और समाना नगर परिषद के तीन बूथों पर भी चुनाव के निर्देश दिए गए थे। यहां कुछ शरारती तत्वों ने ईवीएम को नुकसान पहुंचाया था।