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कोरोना मरीजों से भेदभाव से भी बढ़ता है बीमारी का प्रसार

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गोरखपुर, कोविड मरीजों से सतर्कता के साथ दो गज की दूरी से मिलने में बीमारी होने का खतरा नहीं है । बस इतना ध्यान रखना है कि दोनों लोग मॉस्क पहने हों और एक दूसरे से स्पर्श के जरिये भी संपर्क में न आएं । इसलिए अगर किसी परिचित, रिश्तेदार, मित्र, पड़ोसी या परिवारीजन को कोविड है तो उसके साथ भेदभाव का बर्ताव न करें ।

ऐसे बर्ताव के कारण लोग कोविड जांच करवाने से कतराते हैं और बीमारी को छिपा लेते हैं जिससे इसके प्रसार का खतरा बढ़ जाता है । यह अपील मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय ने जनपदवासियों से की है । उनका कहना है कि कोविड मरीज को सबसे अधिक मानसिक संबल की आवश्यकता होती है और भेदभाव मनोबल तोड़ देता है।

 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा है कि जनसमुदाय, चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और अंग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों की देन है कि जिले में कोविड के मामले घटने लगे हैं, लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि अब सतर्क नहीं रहना है ।

कोविड की मौजूदगी को स्वीकार कर ही दैनिक व्यवहार अपनाना होगा । मॉस्क, दो गज की दूरी, हाथों की स्वच्छता, खांसते-छिंकते समय बरती जाने वाली सतर्कता समेत सभी कोविड नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा । सबसे अहम चीज यह ध्यान में रखनी होगी कि अगर सभी सतर्कताओं के बावजूद कोविड के लक्षण आते हैं तो बीमारी को छिपाना नहीं है ।

यह भय मन से निकाल देना है कि लोग भेदभाव करेंगे । बीमारी छिपाने के दो प्रमुख खतरे हैं । एक तो इसका प्रसार एक दूसरे में बढ़ने लगता है जबकि दूसरी ओर कुछ लोगों में बीमारी गंभीर रूप अख्तियार कर लेती है और जटिलताएं बढ़ जाती हैं जिससे कई बार मौत भी हो जाती है ।

न छिपाना है, न भेदभाव करना है
डॉ. सुधाकर पांडेय ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति बुखार, खांसी, सिरदर्द, गले में खराश, सांस फूलने, स्वाद एवं गंध जाने, कमजोरी और डायरिया जैसे लक्षणों से ग्रसित है तो उसे खुद को कोविड-19 के रोगी जैसा ही समझना है । इन लक्षणों के आने पर तुरंत कोविड जांच करवानी है और तब तक कोविड मरीज जैसी चिकित्सा ही लेनी है जब तक की उस व्यक्ति की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव न आ जाए । अगर किसी को भी उसके परिचित व्यक्ति या परिजन में ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो कोविड जांच और दवा लेने के लिए प्रोत्साहित करें । भेदभाव न करें, बल्कि सतर्क रहते हुए उसकी मदद करें ।

 

चिकित्सक की राय ही विश्वसनीय
कोविड जैसे लक्षण दिखने पर या कोविड की पुष्टि हो जाने पर अप्रामाणिक स्रोतों, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही सूचनाओं और तमाम अपुष्ट दावों के आधार पर खुद से चिकित्सा नहीं करनी है । चिकित्सक के परामर्श से ही दवा चलानी है । आवश्यक नहीं कि हर व्यक्ति एक ही प्रकार की दवा या चिकित्सा से ठीक हो जाए । इसलिए बिना चिकित्सक की सलाह के इलाज जटिलताएं बढ़ा सकता है ।

*अपनों को कोविड हो जाये तो क्या करें*

• फोन के जरिये तत्काल मदद की कोशिश करें
• खाना, दवा आदि की जरूरत पूरी करने में मदद करें
• कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुये बातचीत करते रहें
• उन्हें कोविड से संबंधित सकारात्मक सूचनाएं दें
• उन्हें सभी आवश्यक हेल्पलाइन नंबर्स की जानकारी दें
• उन्हें महसूस न होने दें कि वह कोविड के मरीज हैं

Aamawaaz

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