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स्वास्थ्यकर्मियों का करें सम्मान, अंग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं की सलाह मानें-सीएमओ

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गोरखपुर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय ने जनपदवासियों से अपील की है कि वह स्वास्थ्यकर्मियों को सम्मान दें और अंग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता कोविड के संबंध में जो भी परामर्श दे रहे हैं उस पर अमल करें।

चिकित्सक, स्टॉफ, पैरामेडिकल, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम कोविड की रोकथाम और लोगों की सुरक्षा के लिए घर-परिवार को छोड़ कर फर्ज निभा रहे हैं। ऐसे में भेदभाव और दुर्व्यवहार से उनके मनोबल पर बुरा असर पड़ सकता है और कोविड के खिलाफ लड़ाई कमजोर पड़ सकती है।

इसके साथ ही अगर किसी भी स्वास्थ्यकर्मी और अंग्रिमपंक्ति कार्यकर्ता के साथ कोई दुर्व्यवहार करेगा तो स्वास्थ्य विभाग उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के लिए विवश होगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले में कोरोना संभावित की खोज, कोविड जांच करवाने, मेडिकल किट बांटने, कोविड टीकाकरण करवाने, नियमित टीकाकरण करवाने, मातृ-शिशु देखभाल समेत कई कार्यक्रमों का दारोमदार आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम पर है।

सर्विलांस के कार्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी अहम योगदान दे रही हैं। कोविड काल में जहां एक तरफ लोगों को घरों में सुरक्षित रहना है, वहीं इन लोगों को प्रोटोकॉल के साथ लोगों के बीच काम करना होता है। कई कार्यकर्ता इस दायित्व को निभाने के लिए अपने घर में ही अपनों से आइसोलेट रह रहे हैं।

चिकित्सक, स्टॉफ और पैरामेडिकल भी परिवार और छोटे-छोटे बच्चों से आइसोलेट होकर दायित्व निभा रहे हैं। ऐसे लोगों का सम्मान होना चाहिए न कि भेदभाव या दुर्व्यवहार। यह सभी लोग जनसमुदाय की मदद के लिए सक्रिय हैं और इस अभियान में सफलता तभी मिल पाएगी जब समुदाय की तरफ से भी सद्भावनापूर्ण व्यवहार अपनाया जाए।

सुरक्षित तरीके से मिलेंगे तो नहीं होगा कोविड

किसी भी चिकित्सक, स्टॉफ, अंग्रिम पंक्ति कार्यकर्ता से अगर लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मिलेंगे तो कोविड प्रसार का खतरा नहीं होगा। यह सभी सतर्क लोग हैं जो समय-समय पर कोविड स्क्रीनिंग और जांच करवाते रहते हैं, ऐसे में इनसे मिलना और इनकी बात सुनना सुरक्षित है। बस ध्यान रखना है कि दो गज की दूरी, मॉस्क और स्वच्छता का पालन अवश्य हो। परोक्ष और प्रत्यक्ष स्पर्श से बचना है।

अगर किसी को स्वास्थ्यकर्मी और अंग्रिम पंक्ति के किसी व्यवहार पर आपत्ति है तो उसका भी पक्ष स्वास्थ्य विभाग अवश्य सुनता है, लेकिन दुर्व्यवहार हुआ तो कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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