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डीएमके अध्‍यक्ष एम करुणानिधि का 94 वर्ष की अवस्था में निधन

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चेन्नई। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम(द्रमुक) के अध्यक्ष एम. करुणानिधि का यहां एक अस्पताल में मंगलवार शाम निधन हो गया। करुणानिधि के निधन से पूरे देश में शोक की लहर फैल गई। कावेरी अस्पताल की तरफ से जारी बयान के अनुसार, बहुत ही दुख के साथ, हम हमारे प्यारे कलैगनार एम. करुणानिधि की शाम छह बजकर बीस मिनट पर निधन की घोषणा करते हैं।
बयान के अनुसार, डॉक्टरों के एक समूह और नर्सो द्वारा पूरे प्रयास करने के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। हम भारत के महान नेता के निधन पर शोक जताते हैं और हम उनके परिजनों और पूरे विश्व के तमिल लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। अस्पताल के बाहर अपने प्रिय नेता के स्वास्थ्य की बेहतरी की कामना कर रहे लोग उनके निधन की खबर सुनकर रोने लगे।
करुणानिधि के पार्थिव शरीर को गोपालापुरम स्थित उनके घर ले जाया जाएगा और उसके बाद राजाजी हॉल ले जाया जाएगा, जहां लोग उनका अंतिम दर्शन करेंगे। तमिलनाडु सरकार ने एक सप्ताह तक शोक की घोषणा की है। द्रमुक के एक नेता ने कहा कि करुणानिधि के पार्थिव शरीर को बुधवार को दफनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूरे देश से अनेक नेता बुधवार को चेन्नई पहुंच सकते हैं। करुणानिधि के परिवार में दो पत्नी दयालु और राजति, बेटे एम.के. स्टालिन और एम.के. अलागिरी और बेटी कनिमोझी और कई पोते-पोतियां हैं।
वह लगभग दो वर्षो से सार्वजनिक जीवन से बाहर हो गए थे और उम्र संबंधी समस्या की वजह उनका अस्पताल आना-जाना लगा हुआ था। 28 जुलाई को उच्च रक्तचाप की वजह से उन्हें कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल ने उनके हालत में सुधार होने का भी दावा किया था, लेकिन सोमवार को उनकी तबीयत बिगड़ने की खबर आई।
यहां तक कि मंगलवार शाम को भी अस्पताल ने कहा कि उनकी हालत काफी खराब और अस्थिर हो गई है। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन की अगुवाई में करुणानिधि के परिजनों और पार्टी पदाधिकारियों ने अन्नादुरई स्मारक के पास जगह की मांग के लिए मुख्यमंत्री पलनीस्वामी से मुलाकात की थी, जिसे सरकार ने ठुकरा दिया।
वर्ष 1967 में द्रमुक ने राज्य से कांग्रेस को बाहर कर दिया, जिसके बाद से तमिलनाडु में या तो द्रमुक या तो अन्नाद्रमुक का शासन रहा। उन्होंने हालांकि तमिलनाडु से बाहर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा कभी नहीं दर्शायी, लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में कई बार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह बैंकों के राष्ट्रीयकरण के मुद्दे पर इंदिरा गांधी के साथ थे।
उसके बाद उन्होंने वी.पी. सिंह, एच.डी. देवेगौड़ा, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिह के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने 1957 में कुलिथालाई से सफलतापूर्वक अपना पहला चुनाव लड़ा था और उसके बाद से उन्होंने 13 चुनावों में कभी भी हार का सामना नहीं किया।

करुणानिधि के निधन के बाद कर्नाटक के सीमावर्ती जिलों में चौकसी बढ़ी

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम नेता एम. करुणानिधि का मंगलवार को निधन होने के बाद तमिलनाडु से सटे कर्नाटक के जिलों में चौकसी बढ़ा दी गई है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। कर्नाटक के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कमल पंत ने एक बयान में कहा, “तमिलनाडु की सीमा से सटे बेंगलुरू ग्रामीण, कोलार, कामराजनगर और मैसुरू जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है।“
बेंगलुरू और सीमा पर स्थित अन्य जिलों में जहां तमिल अधिक संख्या में हैं, वहां अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए एहतियातन यह कदम उठाया गया है। राज्य से चेन्नई जाने वाले वाहनों को सीमा पर नियंत्रित किया जा रहा है।
कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) ने तमिलनाडु के शहरों को जाने वाली बसों को मंगलवार शाम से रोक दिया है। एक निगम कर्मी ने कहा, मंगलवार को कर्नाटक से तमिलनाडु के लिए गईं बसें अपने गंतव्य स्थानों पर बुधवार तक पुलिस अभिरक्षा में रहेंगी।

करुणानिधि के निधन पर पूर्व राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, भाजपा अध्यक्ष ने शोक जताया

पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह और कई अन्य नेताओं ने मंगलवार को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) नेता एम. करुणानिधि के निधन पर शोक जताया। मुखर्जी ने ट्वीट करते हुए कहा, कलैगनार एम. करुणानिधि के निधन से बहुत दुखी हूं। 60 वर्ष तक विधायक, पांच बार मुख्यमंत्री और केंद्र में कई गठबंधनों के स्तंभ के तौर पर उन्होंने प्रदेश और राष्ट्रीय राजनीति पर जिस तरह प्रभाव जमाए रखा वैसा कुछ ही कर सके हैं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। वे बहुत याद आएंगे।
उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने करुणानिधि को प्रमुख और लंबे समय तक राजनीति करने वाले ऐसे राजनीतिज्ञों में से एक बताया जिन्होंने देश पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। नायडू ने ट्वीट किया, मैं हमारे देश के प्रमुख और लंबे समय तक राजनीति करने वाले नेताओं में से एक करुणानिधि के निधन से दुखी हूं। उन्होंने अपने लगभग 80 वर्ष के सार्वजनिक जीवन तथा लगभग 56 वर्ष तक तमिलनाडु विधानसभा के सदस्य के तौर पर अमिट छाप छोड़ी है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने करुणानिधि के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आपातकाल के दौरान उनके संघर्ष को कोई नहीं भुला सकता। शाह ने ट्वीट किया, अनुभवी नेता एम. करुणानिधि के निधन के बारे में अभी सुना। उन्होंने अपने प्रेरणादायक सफर में तमिल फिल्म उद्योग में एक पटकथा लेखक से तमिलनाडु के पांच बार मुख्यमंत्री बनने तक की भूमिका निभाई।
1975 में आपातकाल के दौरान उनके संघर्ष को कोई नहीं भुला सकता। शाह ने लिखा, मैं उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और ईश्वर से करुणानिधि जी के परिवार और समर्थकों को इस संकट की घड़ी में दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। ओम शांति शांति शांति।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं जहाज रानी मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट किया, तिरु एम. करुणानिधि के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। तमिलनाडु के लोगों के साथ मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्विटर पर लिखा, एम. करुणानिधि का सांसारिक सफर खत्म होने पर मैं उनके परिवार और उनके समर्थकों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। वे एक ऐसे नेता थे जिन्हें समाज के लिए उनके अतुलनीय योगदान के लिए तमिलनाडु और उसके बाहर लाखों लोग प्यार करते थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने द्रमुक प्रमुख के निधन पर शोक प्रकट किया। केजरीवाल ने ट्वीट किया, महान नेता के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी महसूस कर रहा हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। यह देश के लिए बहुत बड़ा नुकसान है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, कलैगनार करुणानिधि अपने पीछे भारतीय और तमिलनाडु राजनीति को विकसित करने के लिए अपनी लगभग सात दशकों की समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं। वे सामाजिक न्याय और पिछड़ों तथा गरीबों की आवाज उठाने वाले राजनीतिक और बुद्धिजीवी नेता के तौर पर उभरे थे।

राष्ट्रीय ध्वज बुधवार को आधा झुका रहेगा

राष्ट्रीय ध्वज बुधवार को तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के सम्मान में आधा झुका रहेगा। उनका चेन्नई के एक अस्पताल में मंगलवार की शाम निधन हो गया। सरकारी बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गई। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, दिवगंत नेता का राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की जाएगी। अंत्येष्टि बुधवार को चेन्नई में किया जाएगा। भारत सरकार ने देशभर में एक दिवसीय शोक घोषित किया है। इस दिन सरकारी कामकाज बंद रहेंगे।

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