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राजस्थान विधानसभा चुनाव सर पर हैं और सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी भले चाहे कितने दावे कर रही हो कि वह चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ने जा रही है लेकिन हालिया कुछ घटनाएं दर्शाती हैं कि दरअसल चुनाव के मुद्दे कुछ और ही होने जा रहे हैं। अलवर में मॉब लिंचिंग की घटना के बाद जिस तरह दो समुदायों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप हुए थे वह लोग भूले नहीं हैं।
अब खबर आ रही है कि राजस्थान के तीन गांवों इस्माइल खुर्द, मियां का बाड़ा और नरपाड़ा के नाम बदलकर क्रमश: पिचनवा खुर्द, महेश नगर और नरपुरा कर दिए गए हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
यह फैसला राजस्थान में विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले किया गया है। राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अध्यक्षता वाली भाजपा सरकार सत्ता में है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि झुंझुंनू जिले के इस्माइल खुर्द का नाम बदलकर पिचनवा खुर्द, बाड़मेर जिले के मियां का बाड़ा का महेश नगर तथा जालौर जिले के नरपाड़ा का नरपुरा कर दिया गया है।
रेल मंत्रालय, डाक विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा कोई आपत्ति नहीं जताने पर गृह मंत्रालय ने नाम बदले। इस संबंध में प्रस्ताव राजस्थान सरकार ने भेजा था। एक अन्य सूत्र ने बताया कि गांव वालों की मांग थी कि गांव के नाम के कारण निवासियों को शादी के रिश्तों में मुश्किलें हो रही हैं।
दूसरी ओर विपक्ष इसे साम्प्रदायिक रूप से विभाजन के प्रयास बता रहा है। विपक्ष का कहना है कि वसुंधरा राजे सरकार के पास पांच साल का कोई ऐसा काम नहीं है जिसे दिखा कर वह वोट मांग सके इसलिए ऐसे मुद्दों को हवा दी जा रही है जिनसे भावनात्मक लाभ लिया जा सके।