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शिमला , हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी के कारण फंसे हुए लोगों को निकालने का काम जारी है. भारी बर्फबारी के कारण हिमाचल में विभिन्न स्थानों में फंसे करीब 1168 लोगों को वीरवार को निकाला गया.
सीएम ऑफिस के अनुसार, बीते तीन दिन में पूरे प्रदेश से 2595 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. उधर, लाहौल-स्पीति से 431 लोगों को कुल्लू और मनाली पहुंचाया गया. वायुसेना ने नौ विदेशियों समेत 74 लोगों को लाहौल-स्पीति से एयरलिफ्ट किया है. रोहतांग टनल के रास्ते करीब 350 लोग मनाली पहुंचे हैं.
इससे पहले, वायुसेना के तीन हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा रही थी, लेकिन गुरुवार को दो चीता हेलीकॉप्टर भी रेस्क्यू में शामिल किए गए. चंबा के होली इलाके में पांच दिन से फंसे छात्र-छात्राओं और स्टाफ सदस्यों को गुरुवार को निकाल लिया गया है. 416 छात्र-छात्राओं और 321 स्टाफ सदस्यों को चंबा जिला मुख्यालय पहुंचाया गया. अब तक हिमाचल में 21 से 23 सितंबर को हुई भारी बारिश और बर्फबारी से अब तक 14 मौतें हो चुकी हैं. अब भी सैंकड़ों की संख्या में लोग घाटी में फंसे हुए हैं.
कोकसर से बारलाचा तक सड़क चालू
बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के अनुसार, मनाली-सरचु सड़क मार्ग का 182 किमी दायरे से बर्फ साफ कर दी है. कोकसर से पैटसियो तक सड़क से बर्फ हटाई गई है. बारलाचा पास अब भी बर्फबारी के कारण बंद है. जल्द ही इसे भी बहाल कर दिया जाएगा. स्पीति के छोटा दड़ा से बिना लैंडिंग ही वायुसेना के जांबाज अफसरों ने तीन बच्चों समेत 13 लोगों को एयरलिफ्ट किया.
बीआरओ की टीम ने कोकसर से बुधवार रात पैदल चलकर सात लोगों को सुरक्षित मनाली पहुंचाया. एसीटूडीसी सन्नी शर्मा ने बताया कि गुरुवार को 1300 रोहतांग और गुरुवार से शुक्रवार सुबह दस बजे तक वायुसेना ने हेलीकॉप्टर से 147 लोगों को निकाला है. हिमाचल प्रदेश में 21 से 23 सितंबर तक हुई बारिश और बर्फबारी से जान के साथ माल का भी काफी नुकसान हुआ है. बुधवार की देर शाम एक गर्भवती समेत दो की मौत की खबर है. अब तक मौत का आंकड़ा 14 पहुंच गया है.
कहां-कहां हुईं मौतें
कुल्लू में गलू पुल के पास दो स्कूटी सवार पार्वती नदी में बह गए. बजौरा में 15 वर्षीय सुल्तान ब्यास में बह गई. मणिकर्ण में पीणी में पहाड़ दरकने से दंपती चपेट में आ गए, जिसमें महिला की मलबे में दबकर मौत हो गई और पति घायल है. चंबा में एक बच्ची नाले में बह गई है. कांगड़ा के ज्वाली में नाहड़ खड्ड में एक व्यक्ति बह गया और ऊना के गगरेट में एक जूस फैक्ट्री धराशायी हो गई है, जिसमें यूपी के युवक की मलबे में दबकर मौत हो गई है. ऊना में ही मकान के मलबे में दबकर बुजुर्ग की मौत की खबर है.
वहीं, शिमला के चौपाल में मकान चट्टान गिरने से तीन लोगों की मौत हुई है. वहीं, बारलाचा के पास एक सैलानी की मौत की भी खबर है. इसके अलावा, किलिंग सराय में ठंड की वजह से एक महिला की मौत और बीआरओ के दो मजदूर घायल हैं. बुधवार को दो और मौतों की खबर है. कुल्लू की एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि कुल्लू में पांच और लाहौल स्पीति में एक शख्स की मौत हुई है.
बारिश से अब तक इतना नुकसान
हिमाचल प्रदेश को इस मॉनसून सीजन में अब तक बारिश की वजह से 1437 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हाल ही में तीन दिन हुई झमाझम बारिश और बर्फबारी से 220 करोड़ का नुकसान प्रदेश को हुआ है. प्रदेश की सड़कों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है.
इस सीजन में इतनी बारिश
इस बार मॉनसून सीजन में अब तक 856.3 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. इससे पहले 2010 में 888.5 मिमी बारिश हुई थी. 21 से 23 सितंबर तक तीन दिन में सूबे में 128 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है. जो पूरे मॉनसून में हुई बारिश का 18त्न है. ब्यास, रावी सतलुज समेत ज्यादातर नदियां व नाले खतरे के निशान पर पहुंच गई थी.
चंबा में सबसे अधिक बारिश
हिमाचल प्रदेश में शनिवार से लेकर सोमवार शाम तक सबसे अधिक बारिश चंबा जिले में हुई है. चंबा के कालाटॉप में 225 एमएम, डलहौजी में 170एमएम, खैरी में 157 एमएम, कांगड़ा के देहरागोपीपुर में 121, बिलासपुर के नैना देवी में 120 एमएम, चंबा में 117, गुलेर में 112 और कांगड़ा के पालमपुर में 108 एमएम पानी बरसा है. शिमला में सोमवार को 53 एमएम, ऊना में 142, मनाली में 49 एमएम, मंडी में 32 एमएम बारिश हुई है.