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नई दिल्ली , फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से ब्योरा मांगा है। बुधवार को मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार से कहा है कि वह 10 दिनों के भीतर राफेल लड़ाकू विमानों से जुड़े ब्यौरे बंद लिफाफे में सौपें। हालांकि, सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि सरकार के लिए अदालत को कीमतों की जानकारी उपलब्ध कराना संभव नहीं होगा क्योंकि यह जानकारी संसद को भी नहीं दी गई है।
कोर्ट ने केन्द्र से कहा कि जो सूचनाएं सार्वजनिक की जा सकती हैं केन्द्र उन्हें याचिकाकर्ताओं के साथ साझा करे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी। डील पर सवाल उठानेवाली याचिका पर सुनावई करते हुए शीर्ष अदालत ने इससे पहले केन्द्र सरकार से राफेल खरीद पर नीतिगत प्रक्रिया से जुड़े ब्योरे को सौंपने का आदेश दिया था। लेकिन, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में मामले की सुनवाई कर रही तीन सदस्यीय पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वे सूचना के तौर पर यह जानकारी मांग रहे हैं।
कैसे लिया गया राफेल खरीदने का निर्णय
पिछली सुनवाई के दौरान फ्रांस के साथ लड़ाकू विमान राफेल सौदे को लेकर सरकार के फैसले पर उठाए जा रहे सवालों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से बिना नोटिस जारी किए इसकी खरीद के फैसले की प्रक्रिया का ब्योरा मांगा। कोर्ट स्पष्ट किया कि उसे कीमत और सौदे के तकनीकी विवरणों से जुड़ी सूचनाएं नहीं चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से राफेल पर फैसले की प्रक्रिया का ब्योरा सीलबंद लिफाफे में सौंपने को कहा। दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि इसे औपचारिक नोटिस न समझा जाए। शीर्ष अदालत उन दो जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी जिनमें एक में यह मांग की गई थी कि 36 लड़ाकू राफेल विमानों को फ्रांस से खरीदने के लिए भारत ने जो समझौते किए उसका पूरा ब्योरा दिया जाए। जबकि, दूसरी याचिका में शीर्ष अदालत के पर्यवेक्षण में विशेष जांच दल बनाए जाने की मांग की गई थी। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि फ्रांस के साथ हुए इस सौदे के संबंध में उसे कीमत और सौदे के तकनीकी विवरणों से जुड़ी सूचनाएं नहीं चाहिए। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि वह याचिकाओं में लगाए गए आरोपों को ध्यान में नहीं रख रहा है।