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मथुरा , दिल्ली-नोएडा सीमा क्षेत्र पर बने ओखला बैराज से 48 घंटों में प्रदूषित पानी छोड़ दिया गया। इसकी वजह से वृंदावन से गुजरनेवाली यमुना नदी में हजारों मछलियां और जलीय जीव मृत पाए गए हैं। लोगों ने गुरुवार को मृत मछलियों को यमुना के केसी घाट में देखा। इस घटना के बाद आसपास के क्षेत्र में दहशत फैल गई।
उत्तर प्रदेश पलूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने मथुरा में बताया, इतनी सारी मौतें 28 अक्टूबर को ओखला बैराज से छोड़े गए तीन हजार क्यूसेक पानी की वजह से हुई हैं। प्रदूषित पानी की वजह से आम लोग भी प्रभावित होते हैं जैसे कि किसानों द्वारा सिंचाई के लिए नदी के पानी का इस्तेमाल। यही नहीं, नदी के किनारे बने हुए मंदिरों में दर्शन के लिए आए हुए भक्त नदी में डुबकी भी लगाते हैं।
मथुरा में यूपीपीसीबी के एक रीजनल ऑफिसर अरविंद कुमार ने बताया, शाहपुर और मथुरा के बीच नदी की कुल लंबाई 50 किलोमीटर है, हमने अभी कुछ नमूने लिए हैं जिनकी जांच की जाएगी। प्रथम दृष्ट्या लगता है कि यह पानी बहुत ज्यादा प्रदूषित है। इसमें तेल सी चिकनाहट और लगभग काला सा पानी है।
एग्जिक्युटिव इंजिनियर ने कही यह बात
मथुरा सिंचाई विभाग में एग्जिक्युटिव इंजिनियर एमएम सिंह ने बताया कि ओखला ब्रिज यूपी का हिस्सा है। यह दिल्ली से आने वाले पानी को छोड़ता है। सिंह ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाले प्रदूषण की रोकथाम करना दिल्ली पलूशन कंट्रोल कमिटी की जिम्मेदारी है। एमएम सिंह बताते हैं, इसी तरह नालों से निकलने वाली गंदगी के ट्रीटमेंट का जिम्मा दिल्ली के बाढ़ नियंत्रण विभाग का है।
डीएम ने लिखा पत्र, की यह मांग
एमएम सिंह ने बताया कि मथुरा के डीएम सर्वज्ञ राम मिश्रा ने प्रमुख सचिव, यूपी सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रदूषण का स्तर कम होने तक बैराज से बड़ी मात्रा में पानी न छोड़ा जाए। स्थानीय एनजीओ में कार्यरत आचार्य भुवनेश शुक्ला कहते हैं कि उन्होंने भी पानी के नमूनों को इक_ा किया है और इसे मथुरा समेत दिल्ली में कई लैबरेटरी में भेजा है।