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सुरेंद्रनगर , गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में एक रोंगटे खड़ी कर देने वाली घटना सामने आई है। आरोप है कि बेटे की चाह रखने वाली महिला ने अपनी नवजात बच्ची को गड्ढे में फेंक दिया। वह उस गड्ढे में मिट्टी में दबाने जा रही थी लेकिन किसी की आहट सुनकर भाग गई। चौंकाने वाली बात यह है कि तेज ठंड में बच्ची पांच घंटे तक वहां पड़ी रही और बाद में उसे जिंदा बचा लिया गया।
मामला जिले के ध्रांगधरा इलाके का है। दोपहर लगभग 11 बजे कुछ स्थानीय लोगों ने एक बच्ची के रोने की आवाज सुनी। आवाज सुनकर लोग सूखी झील के पास पहुंची। उन्होंने देखा कि वहां एक गड्ढे में एक नवजात बच्ची पड़ी है। लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को वहां से रेस्क्यू कराया और ऐंबुलेंस से उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
गर्भवती महिलाओं के घर पहुंची पुलिस
बच्ची को भर्ती कराने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और बच्ची की मां की तलाश करने लगे। पड़ताल कर रही पुलिस को कुछ आदिवासियों ने गर्भवती महिलाओं के बारे में बताया। पुलिस गर्भवती महिलाओं के पास जांच के लिए पहुंची। इन महिलाओं में एक लीला नाम की महिला मिली जिसके प्रसव के बाद से नवजात लापता थी।
जन्म के दो घंटे बाद ही फेंक आई बच्ची
जांच अधिकारी वीरेंद्र सिंह परमार ने बताया कि जब पुलिस लीला के घर पहुंची तो वह अपनी झोपड़ी में सो रही थी। पुलिस ने उसके नवजात के बारे में पूछा तो वह टाल-मटोल करने लगी। सख्ती करने पर उसने कुबूल किया कि उसे सुबह 4 बजे डिलिवरी हुई और वह थोड़ी देर बाद नवजात को लेकर झील के पास पहुंची। वहां उसे एक गड्ढे में फेंक दिया।
बोली चाहती थी बेटा हुई बेटी इसलिए फेंका
लीला ने बताया कि वह गड्ढा भरना चाहती थी लेकिन उसे डर लगा कि अगर कोई आ गया तो वह पकड़ी जाएगी इसलिए वहां से भाग निकली। उसने बताया कि उसके दो बेटियां पहले से हैं। वह लड़का चाहती थी लेकिन उसे तीसरी बार फिर लड़की हुई। वह उसे पालना नहीं चाहती थी इसलिए उसे फेंकने का फैसला लिया। पुलिस ने लीला के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।