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श्रीनगर , जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने के बाद राजनीतिक दलों के बीच सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है। बीजेपी नेता राम माधव ने आरोप लगाया कि शायद नैशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीडीपी को सीमा पार से साथ मिलकर सरकार बनाने का निर्देश मिला हो। माधव के इस बयान के बाद राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला बिफर गए और उन्हें इस आरोप को साबित करने की चुनौती दे दी।
बता दें कि कांग्रेस, एनसी और पीडीपी ने बुधवार को राज्य में मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। हालांकि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा ही भंग कर दी। इसी घटनाक्रम पर बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव राम माधव ने बयान दिया कि संभव है, एनसी और पीडीपी की ओर से यह कदम सीमा पार से मिले निर्देशों के बाद उठाया गया हो और इसलिए वे सरकार बनाने जा रहे हैं। उमर अब्दुल्ला ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए माधव को अपने आरोप साबित करने या माफी मांगने को कहा है।
राम माधव ने कहा कि बीजेपी ने अपनी ओर से सरकार बनाने की इच्छा कभी जाहिर नहीं की। उन्होंने कहा, हमने कब ऐसा दावा किया कि हम सरकार बनाने जा रहे हैं? हमने हमेशा कहा कि हमें आगे बढऩे के लिए राज्यपाल शासन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ये वही दल हैं जो राज्य में एक अनैतिक गठबंधन तैयार करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, पीडीपी और एनसी वही दल हैं जिन्होंने पिछले महीने निकाय चुनावों का बहिष्कार किया था क्योंकि उन्हें सीमा पार से ऐसा करने के निर्देश मिले थे।
बीजेपी राष्ट्रीय सचिव ने कहा, हो सकता है कि उन्हें सीमा पार से ही साथ आकर सरकार बनाने के निर्देश मिले हों क्योंकि बीजेपी एवं अन्य दलों ने निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, जो भी कारण हों, जो फैसला उनके द्वारा किया गया है, उसी के चलते राज्यपाल ने अपना निर्णय लिया है। बता दें, पीडीपी ने जैसे ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक के पास राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया उसके कुछ घंटे बाद ही राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी।
उमर अब्दुल्ला ने दी आरोप साबित करने की चुनौती
राज्य के पूर्व सीएम और एनसी चीफ उमर अब्दुल्ला ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए राम माधव को चुनौती दी है। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, मैं आपको अपने आरोप साबित करने की चुनौती देता हूं। आपके पास रॉ, एनआईए और आईबी हैं जो आपके लिए काम करती हैं (सीबीआई भी आपका तोता है), अगर हिम्मत है तो इसके साक्ष्य जनता के सामने रखिए। अब्दुल्ला ने लिखा, या तो साक्ष्य प्रस्तुत करिए या फिर माफी मांगने की हिम्मत दिखाइए। अनर्गल आरोपों की राजनीति मत कीजिए।
उधर, सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस, एनसी और पीडीपी तीनों पार्टियों द्वारा साथ आना सरकार बनाने की कोशिश कम और राज्यपाल तथा बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश ज्यादा था। सूत्रों का कहना है कि इस पूरी कवायद के पीछे इन तीनों पार्टियों का मूल उद्देश्य भी विधानसभा भंग कराना ही था। बीते दिनों राज्य में हुए पंचायत चुनाव में वोटरों की भागीदारी के बाद क्षेत्रीय पार्टियों का आकलन गलत साबित हुआ है।