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नई दिल्ली , सरकार ने कहा कि रियल एस्टेट संपत्तियों के उन खरीदारों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं चुकाना होगा, जो पूर्णता प्रमाणपत्र जारी किए जाने के बाद पूरी तरह से तैयार संपत्ति खरीदेंगे। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, निर्मित परिसरों, भवनों और तैयार फ्लैटों के खरीददारों को यह सूचित किया जाता है कि ऐसी स्थिति में जहां इनकी खरीद सक्षम अधिकारी द्वारा निर्माण पूरा होने का प्रमाण-पत्र जारी करने के बाद की गई हो, वहां ऐसी संपत्तियों पर वस्तु एवं सेवा कर प्रभावी नहीं होगा।
मंत्रालय ने कहा है कि बिक्री के समय कार्य समापन प्रमाण पत्र प्राप्त संपत्तियों पर जीएसटी नहीं लिया जाएगा, लेकिन निर्माणाधीन परिसंपत्तियां अथवा ऐसी तैयार परिसंपत्तियां जिनके लिए कार्यसमापन प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं हुआ है, उनकी बिक्री पर जीएसटी देना होगा।
बयान में कहा गया है कि जीएसटी केवल उन निमार्णाधीन संपत्तियों या तैयार फ्लैटों पर लगाया जाएगा, जिनकी बिक्री के समय तक सक्षम अधिकारी द्वारा उनका निर्माण पूरा होने का प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी आवास मिशन, राजीव आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना या ऐसी ही अन्य सरकारी रियायती योजनाओं पर आठ फीसदी का जीएसटी लगाए जाने का प्रावधान है। बयान में कहा गया है, हालांकि ऐसी परियोजनाओं के बिल्डरों को ज्यादातर मामलों में जीएसटी का भुगतान नहीं करना होगा, क्योंकि उनके बुक ऑफ अकाउंट में आउटपुट जीएसटी चुकाने के लिए पर्याप्त मात्रा में इनपुट टैक्स क्रेडिट मौजूद रहेगा। रियायती आवासीय योजनाओं के अलावा ऐसी अन्य योजनाओं पर भी कर अदाएगी जीएसटी लागू होने के बाद ज्यादा बढऩे की संभावना नहीं है।