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कन्नौज, कन्नौज पुलिस ने थाना गुरसाहयगंज क्षेत्र के ग्राम गौरियापुर में बीती अक्टूबर में हुई बुजुर्ग दम्पत्ति की दोहरे हत्याकांड का खुलासा करते हुए बुजुर्ग दम्पत्ति की बेटी और उसके सगे मामा को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया है। बुजुर्ग दम्पत्ति की हत्या मामा-भांजी ने अपने अवैध प्रेम सम्बन्धों का विरोध करने पर की थी। हत्या के बाद दोनों फरार हो गए थे और पश्चिम बंगाल में छिपकर रह रहे थे।
बता दे कि गुरसहायगंज कोतवाली के गौरियापुर गांव निवासी 55 वर्षीय रमेश दोहरे और उनकी ऊषा देवी पर 08/09 अक्तूबर की रात पर फावड़े व लाठी-डंडों से हमला किया गया था। इस हमले में रमेश को मौके पर ही मौत के घाट उतारा गया था। जबकि गंभीर घायल ऊषा ने 16 अक्तूबर को अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पूश्री घटना को लूटपाट दर्शाने की कोशिश की गई थी। इस दोहरे हत्या कांड के बाद से इस बुजुर्ग दम्पत्ति की बेटी संगीता और उसका सगा मामा परमेन्द्र निवासी कतन्नापुर हरदोई गायब थे। मामला दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस को पहले से ही दोनों पर शक था। लेकिन उनका पता नहीं चल रहा था। पुलिस टीमों ने कई राज्यों में छापेमारी की थी लेकिन गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी।
गुरूवार को इस दोहरे हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक अमेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि एक जनवरी को सर्विलांस टीम और स्वॉट टीम के सहयोग से गुरसहायगंज कोतवाल ने आरोपी संगीता और परमेन्द्र को पश्चिम बंगाल राज्य के जनपद हुगली के थाना भदरेश्वर क्षेत्र के आरबीएस रोड अंगुश स्थित झोपड़ पट्टी में नगमा नाम महिला की किराए के खोली से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के दौरान संगीता ने बताया कि उसके मामा परमेन्द्र से करीब दो साल से अवैध संबंध थे। आठ अक्तूबर 2018 को रमेश की पत्नी ऊषा दोहरे ने अपने भाई परमेन्द्र को उसके साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। इसके बाद पिता और मां ने मामा को घर से निकाल दिया था। जिसके बाद दोनों ने मां-बाप की हत्या की योजना बनाई। आरोपी संगीता ने बताया कि उसने ही सबसे पहले पिता पर फावड़े से हमला किया था। फिर मामा के साथ मां को मरणासन्न कर दोनों लोग नगदी और जेवर लेकर फरार हो गए थे। वह लोग सीधे रोडवेज बस से कानपुर और फिर मुंबई ट्रेन से रवाना हुए। एक दिन वहां रूकने के बाद दोनों हावड़ा ट्रेन से 15 अक्तूबर को पश्चिम बंगाल के हुगली जनपद में पहुंचे। आरबीएस रोड अंगुश थाना भदरेश्वर जनपद हुगली पश्चिम बंगाल में रहने लगे। जहां से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने बताया कि दोनों की गिरफ्तारी पर 25-25 हजार का इनाम घोषित था। झोपड़ी में मामा-भांजी एक साथ रहने लगे। परमेन्द्र दिन में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के साथ मजदूरी करता था। एक दिन उसने 300 रुपये में एक मजदूरी से मोबाइल खरीदा। इसके बाद वहां अपने आधार कार्ड से एक सिम को खरीदा। पुलिस ने जब आधार कार्ड से लिंक हुई सिम की लोकेशन के आधार पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।