[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
लखनऊ, 23 जनवरी 2019 । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि ई.वी.एम. मशीनों को लेकर जो संदेह और विवाद पैदा हो गए हैं उससे चुनाव की सम्पूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर ही प्रश्नचिह्न लग रहा है। इससे ई.वी.एम. की जगह बैलट पेपर से चुनाव की मांग उठना स्वाभाविक है। इस पर भाजपा सरकार का अड़ियल रवैया अनुचित है। उन्होंने पार्टी की ओर से अगला चुनाव बैलट पेपर से ही कराये जाने की मांग चुनाव आयोग से की है।
अखिलेश ने आईपीएन को दिए अपने बयान में कहा कि इसमें दो राय नहीं कि आज राजनीतिक लाभ के लिए टेक्नोलॉजी का दुरूपयोग खुलकर हो रहा है। उन्होंने कहा कि लंदन में एक साइबर विशेषज्ञ ने जो दावा किया है वह चौंकाने वाला है। निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव की दृष्टि से इस पर जांच पड़ताल निष्पक्ष एवं स्वतंत्र ढंग से किए जाने की जरूरत है। यह बेहद गंभीर मुद्दा भी है। यह पैसे की ताकत से सत्ता को हथियाने की खतरनाक साजिश है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनावों और उपचुनावों में हजारों ई.वी.एम. में खराबी की शिकायतें मिली थी। ये तकनीकी खराबी है या चुनाव प्रबंधन की विफलता या फिर जनता को मताधिकार से वंचित करने की साजिश। इस तरह से तो लोकतंत्र की बुनियाद ही हिल जाएगी।
उन्होंने कहा कि ‘टेक्नोलॉजिकली लिटरेट‘ समाज को भी जमकर ई.वी.एम. के दुरूपयोग पर अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए। अखिलेश ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में मतपत्र का इस्तेमाल राज्य व नागरिक के बीच विश्वास के रिश्ते को पारदर्शी और मजबूत बनाता है। इस रिश्ते के बीच ई.वी.एम. का आना उचित नहीं। उन्होंने कहा कि मतपत्र से मतदाता को भरोसा रहता है कि उसने जिसे मत दिया है, वो उसी को मिला है। ये विश्वास ही लोकतंत्र की संजीवनी है। अखिलेश ने कहा कि देश और लोकतंत्र के भविष्य के लिए न केवल यह जरूरी है बल्कि स्वच्छ राजनीति और जनता में चुनावी प्रक्रिया की बहाली के लिए समय की पहली मांग भी है।