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झांसी, 15 फरवरी 2019 । भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। पुलवामा के आतंकी हमले के गुनहगारों और साजिशकर्ताओं को उनके किए की सजा जरूर मिलेगी। सुरक्षा बलों को आगे की कार्रवाई के लिए समय और स्वरूप तय करने की इजाजत दे दी गई है।
प्रधानमंत्री आज झांसी में डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर सहित विभिन्न परियोजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने 14,735 करोड़ रुपए की 05 परियोजनाओं का शिलान्यास तथा 5,771 करोड़ रुपए से अधिक की 03 परियोजनाओं का लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार विकास की पंचधारा यानी बच्चों की पढ़ाई, युवा को कमाई, किसानों को सिचाईं, बुजुर्गों को दवाई और जन-जन की सुनवाई के लिए काम कर रही है। इसी लक्ष्य को आगे बढ़ाते हुए ‘मेक इन इण्डिया’ के तहत बुन्देलखण्ड के विकास से जुड़े 20 हजार करोड़ रुपए के डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर (अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर और लखनऊ) का शिलान्यास किया गया है, इससे 2.5 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश और दुनिया के बड़े-बड़े निवेशकों ने यहां उद्योग लगाने के लिए रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि अब तक 4000 करोड़ रुपए के समझौते भी किए जा चुके हैं। इस डिफेंस कॉरीडोर में रक्षा और सुरक्षा का सामान निर्माण करने वाली देश की बड़ी-बड़ी सरकारी कम्पनियों के साथ-साथ विदेशी कम्पनियां भी उद्योग लगाएंगी, जिससे यहां के लाखों युवाओं को सीधा रोजगार मिलेगा।
इस परियोजना से सुरक्षा, रोजगार, रेल, बिजली, पानी जैसे अनेक प्रोजेक्ट जुड़े हुए हैं। अब बुन्देलखण्ड को देश की सुरक्षा और विकास का कॉरीडोर बनाने का काम शुरू हो चुका है। झांसी से आगरा तक बन रहा है यह डिफेंस कॉरीडोर देश को सशक्त करने के साथ ही बुन्देलखण्ड सहित उत्तर प्रदेश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पानी सबसे बड़ी चुनौती है। यहां के लोगों को पानी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा है। राज्य सरकार इस बात से अवगत है। पानी की समस्या से मुक्ति दिलाने के प्रयास को आगे बढ़ाते हुए आज 9021.89 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाली ग्रामीण पाइप पेयजल योजना का शिलान्यास किया गया है। इस योजना का लाभ बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा एवं चित्रकूट जिलों को मिलेगा। इससे आने वाले समय में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लोग लाभान्वित होंगे।
प्रधानमंत्री ने अमृत योजना के तहत 600.42 करोड़ रुपए की लागत की झांसी महानगर पुनर्गठन पेयजल योजना फेज-2 का शिलान्यास किया। इसके तहत बेतवा नदी के पानी से झांसी शहर के लोगों पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। साथ ही आस-पास के गांवों तक पीने का पानी पहुंच जाएगा। यह विभिन्न परियोजनाएं वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करने वाली हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे हो या फिर यहां की रेल कनेक्टिविटी, केन्द्र सरकार ने निरन्तर इस पर बल दिया है। इसके तहत 4329.53 करोड़ रुपए की लागत से रेलवे लाइन झांसी-खैरार, खैरार-मानिकपुर और खैरार-भीमसेन रेल लाइन का दोहरीकरण एवं महोबा से खैरार रेलमार्ग पर कॉर्ड लाइन का शिलान्यास किया गया है। इसके अतिरिक्त, झांसी में सवारी डिब्बा आवधिक मरम्मत एवं पुनर्सज्जा कारखाने को 454.89 करोड़ रुपए की लागत से शुरू किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र की बिजली की समस्या को दूर करने के लिए यहां की विद्युत व्यवस्था में व्यापक सुधार किया गया है। इस व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए 4976 करोड़ रुपए की लागत से पश्चिम क्षेत्र-उत्तर क्षेत्र अन्तर्क्षेत्रीय सुदृढ़ीकरण पारेषण परियोजना भाग-बी का लोकार्पण किया गया है। अब बुन्देलखण्ड सहित पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई इलाकों की बिजली समस्या में सुधार आएगा। अब पश्चिम और उत्तरी फीड में ग्रिड में उत्पन्न होने वाली बिजली का आसानी से अलग-अलग क्षेत्रों में ट्रांसमिशन हो सकेगा।
प्रधानमंत्री ने 354.20 करोड़ रुपए की लागत से झांसी में पहाड़ी बांध आधुनिकीकरण परियोजना का लोकार्पण किया, जिससे किसानों को बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा। पहले इस बांध से किसानों के खेत तक उपयुक्त मात्रा में पानी नहीं पहुंच पाता था और गेट गिरने से पानी की लीकेज होती रहती थी। अब पानी की लीकेज को बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री जी ने 441.27 करोड़ रुपए की लागत से झांसी-खैरार-भीमसेन सेक्शन (297 कि0मी0) में रेल विद्युतीकरण संचालन का भी लोकार्पण किया। इससे रेल यात्रियों की काफी सहूलियत मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार इस बार के बजट में एक ऐतिहासिक योजना लायी है। इसके तहत ऐसे किसान जिनके पास 05 एकड़ से कम जमीन है, हर वर्ष 6 हजार रुपए केन्द्र सरकार द्वारा सीधे उनके बैंक खाते में जमा कराए जाएंगे। यह राशि दो-दो हजार रुपए की 03 किश्तों में लाभार्थियों तक पहुंचेगी। सरकार का अनुमान है कि उत्तर प्रदेश के 2 करोड़ 25 लाख किसानों में से 2 करोड़ 14 लाख किसान इस योजना के लाभार्थी होंगे। यानी एक तरह से उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में 95 प्रतिशत से ज्यादा किसानों को इस योजना से लाभ मिलेगा। ‘पी0एम0 किसान सम्मान योजना’ के तहत अगले 10 वर्षों में कुल मिलाकर साढ़े सात लाख करोड़ रुपए किसानों के बैंक में सीधे जमा होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों से इतने तेजी के साथ गरीबों, किसानों के बैंक खाते खुलवाए जा रहे थे। उसके पीछे भी हमारी लम्बे समय तक काम करने की सोच थी। आपके बैंक खाते खुलवाकर हमारी सरकार ने यह इंतजाम किया है कि आपकी गैस की सब्सिडी, मनरेगा की मजदूरी, पेंशन, बच्चों की स्कॉलरशिप यह सारे पैसे सरकारी खजाने से इधर-उधर कहीं न जाते हुए सीधे आपके खाते में जमा हो जाएं। इस पैसे के सीधे आपके खाते में जमा होने से देश को करीब एक लाख करोड़ रुपए की बचत हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के साथ-साथ हमारी सरकार ने पशुपालकों और मछली पालकों के लिए बहुत बड़ा फैसला लिया है। अब पशु पालने वालों को भी किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण की सुविधा दी जा रही है, ताकि वो अपने व्यवसाय को बढ़ा सके।