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वाशिंगटन , अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने की इच्छा व्यक्त की है।
ट्रम्प ने बुधवार को व्हाइट हाउस में कहा कि दोनों एशियाई पड़ोसी देशों के बीच ‘अत्याधिक समस्याएंÓ हैं और वह स्थिति को सुलझाने में मदद कर रहे हैं। ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, कश्मीर एक बेहद जटिल जगह है। यहां हिंदू हैं और मुसलमान भी हैं। और मैं नहीं कहूंगा कि उनके बीच काफी मेलजोल है। मध्यस्थता के लिए जो भी बेहतर होगा मैं वो करूंगा।
ट्रंप ने कहा, यहां 2 देशों के बीच जबरदस्त समस्याएं हैं। मैं अपनी ओर से अच्छा करने की कोशिश करूँगा कि मैं मध्यस्थता कर सकूँ या कुछ कर सकूँ। दोनों देशों के बीच साथ महान संबंध हैं लेकिन वे इस समय बिल्कुल दोस्त नहीं हैं।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि वह इस सप्ताह के अंत में फ्रांस में जी-7 शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति पर चर्चा करेंगे। ट्रम्प ने ओवल कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, मैं प्रधानमंत्री मोदी के साथ रहूंगा। मैं फ्रांस में इस हफ्ते उनके साथ रहूंगा। मुझे लगता है, हम (भारत और पाकिस्तान के बीच) तनाव की स्थिति को सुलझाने में मदद कर रहे हैं।
इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के तनाव को कम करने के लिए फोन पर प्रधानमंत्री मोदी और पाकिस्तानी पीएम इमरान खान से बातचीत की थी। ट्रंप ने इसके बाद कहा, सच कहूँ तो, यह एक बहुत ही विस्फोटक स्थिति है। मैंने कल प्रधान मंत्री मोदी और पीएम इमरान खान से भी बात की थी।वे दोनों मेरे दोस्त हैं। वे महान लोग हैं। वे अपने देश से प्यार करते हैं।
भारत ने कश्मीर मसले को बताया आतंरिक मामला
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद भारत ने जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया और सरकार ने जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया।
भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से कहा है कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करना एक आंतरिक मामला था और पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करने की सलाह भी दी।भारत ने अमेरिका को स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती।