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मुख्यमंत्री पता नहीं किस लोक में रहते हैं -अखिलेश यादव

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लखनऊ।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पता नहीं किस लोक में रहते हैं कि उन्हें प्रदेश की बदहाली दिखती नहीं, वे अपने ही सपनों में खोए रहते हैं। प्रदेश की राजधानी में एक हफ्ते में 8 हत्याएं हो गईं। हत्यारे बेखौफ हैं। पुलिस थाना-चैकी के आसपास भी वे फायरिंग कर फरार हो जाते हैं। पुलिसिंग के सभी दावे हवाई साबित हो रहे हैं.राज्य सरकार की घोर लापरवाही से 108 और 102 नंम्बर सेवाओं के चालक हड़ताल पर चले गए थे। संविदाकर्मी अस्पतालों में हड़ताल पर चले जाते है। अधिकारी तब चेते जब चार मरीजों की जाने चली गई। इससे पहले भी चिकित्सा सेवाओं में हड़ताल, मारपीट के चलते कितने ही मरीजों की जानों पर बन आई, अधिकारी-प्रशासक मूकदर्शक बने रहा.  भाजपा सरकार बड़े पैमाने पर नौकरियां देने के वादे तो करती है पर जमीन पर उसका एक भी वादा नहीं टिकता है। नौजवान इधर-उधर भटक रहे हैं। सरकार झूठे दिलासा देने के लिए भर्तियां तो निकालती है पर भर्तियां होती नहीं है। समिट मीट, निवेशक सम्मेलन में घोषणाएं होती है कि बड़ी संख्या में युवा नौकरी पाएंगे पर अब तक कोई नया उद्योग तो कहीं लगा नहीं है।प्रदेश में 69,000 शिक्षकों की भर्ती काफी समय से अटकी है। उर्दू टीचरों की भर्ती खत्म कर दी गई है। कभी पेपर लीक तो कभी किसी सम्बन्धित पार्टी के कोर्ट में चले जाने के बहाने की ओट से भाजपा सरकार अपनी नाकामी छुपाती है। इस सबका फायदा उठाकर कुछ निहित स्वार्थी तत्व नौजवानों को नौकरी दिलाने के नाम पर लूटने का धंधा करने लगे है। इसमें तो कुछ मंत्रियों के स्टाफ के लोग भी संलिप्त पाए गए थे।हालत यह है कि भाजपा कोरे वादों के सहारे अपनी कागज की सरकार चला रही है। ढाई वर्ष बीत गए वह अपनी एक योजना जमीन पर नहीं उतार सकी हैं। समाजवादी सरकार ने जो काम शुरू किए उन्हीं को अपना बताकर वह अपनी लाज ढकने की नाकाम कोशिश में लगे रहते है। लेकिन जनता की नज़र में भाजपा के झूठ की पर्ते खुल चुकी हैं। वह अब ज्यादा भुलावे में नहीं आने वाली है। प्रदेश में जो विधानसभा उपचुनाव होने जा रहे हैं, उन्हीं में भाजपा को मतदाता भाजपा को अपना परिचय दे देंगे।

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