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पीएम मोदी ने की लॉकडाउन के दूसरे चरण की घोषणा अब 3 मई तक रहेगा : 20 अप्रैल तक सघन निगरानी के बाद कड़ी शर्तों पर धीरे धीरे खुलेगा लॉकडाउन

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नई दिल्ली,। कोरोना के खिलाफ जंग में जीत हासिल करने केलिए देशवासियों को अभी और संयम रखना होगा। राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को खत्म हो रहे देशव्यापी लॉकडाउन की मियाद तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की है। पीएम ने कड़ी शर्तों के साथ 20 अप्रैल से धीरे धीरे लॉकडाउन से निजात देने दिलाने केसाथ नियमों को और सख्त करने की भी घोषणा की। लॉकडाउन में किन इलाकों में कड़ी शर्तों के साथ छूट मिलेगी, इस संदर्भ में सरकार बुधवार को विस्तृत गाइडलाइन जारी करेगी।
लॉकडाउन के दूसरे चरण की घोषणा करते हुए पीएम ने कहा कि कई राज्यों में पहले ही लॉकडाउन की मियाद 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है। सभी सुझावों को ध्यान में रख कर तय किया गया है कि देश में लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाना पड़ेगा। मतलब तीन मई तक देशवासियों को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान पीएम ने लॉकडाउन के पहले चरण में लोगों द्वारा दिखाए गए अनुशासन और धैर्य की प्रशंसा की।

20 अप्रैल तक और कड़ाई
संबोधन में पीएम ने देश को लॉकडाउन से धीरे धीरे मुक्त करने का फार्मूला भी दिया। उन्होंने कहा कि अगले एक सप्ताह तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और बढ़ाई जाएगी। अगले 20 अप्रैल तक हर थाने, कस्बे, हर जिले और हर राज्य का गहराई से मूल्यांकन किया जाएगा। जिन क्षेत्रोंं में कोरोना का संक्रमण बढऩे की आशंका कम होगी, वहां 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है। हालांकि छूट के बाद अगर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ तो इसे वापस ले लिया जाएगा। छूट किसे-किन शर्तों-मानकों पर मिलेगी इसके लिए बुधवार को एक विस्तृत गाइड लाइन सरकार की ओर से जारी की जाएगी।
आर्थिक नुकसान की जिंदगी से नहीं हो सकती तुलना
अपने संबोधन में पीएम ने कोरोना के कारण हुए भारी आर्थिक नुकसान की चर्चा की। उन्होंने कहा कि अगर आर्थिक दृष्टिï से देखें तो देश को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। कारोबार ठप है। इसका सर्वाधिक असर मजदूरों पर पड़ा है। मगर लोगों की जिंदगी से इसकी तुलना नहीं की जा सकती।
दूसरे देशों से बेहतर स्थिति मेंं भारत
पीएम ने कहा कि कोराना से निपटने के लिए अपनाई गई दूर दृष्टिï के कारण हम दूसरे देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं। दुनिया देख रही है कि सीमित संसाधानों के बावजूद भारत किस प्रकार कोरोना के खिलाफ सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ रहा है। दुनिया के बड़े-बड़े देशोंं के आंकड़ों से तुलना करें तो भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है। पीएम ने कहा जब देश में एक भी व्यक्ति कोराना पोजिटिव नहीं था तभी हमने विदेश से आने वालों की स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी। जब 100 मामले ही थे तब विदेशों से आने वालों के लिए 14 दिनों का आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया। जब सिर्फ 550 कोरोना पोजिटिव थे तभी भारत ने 21 दिनों का लॉकडाउन लागू किया। भारत ने समस्या बढऩे का इंतजार करने के बदले जरूरी फैसले लेने में देरी नहीं की।
तैयारियों की दी जानकारी
अपने संबोधन में पीएम ने कोरोना से लडऩे की तैयारियों और सुविधाओं की भी जानकारी दी। पीएम ने कहा कि भले ही देश के पास संसाधन सीमित हैं, मगर हम देशवासियों के सहयोग से पूरी शक्ति के साथ कोरोना वायरस का मुकाबला कर रहे हैं। पीएम ने कहा वैश्विक अनुभव के मुताबिक कोरोना के 10 हजार मरीजों पर करीब 1500 बेड चाहिए। सरकार अब तक एक लाख बेड की व्यवस्था कर चुकी है। इस क्रम में 600 अस्पताल सिर्फ कोरोना संक्रमितों का ही इलाज कर रहे हैं। जनवरी में कोरोनाा की जांच के लिए महज एक लैब की तुलना में इस समय देश में 220 से अधिक लैब हैं।
इन सात बातों पर मांगा साथ
– बुजुर्गों का रखें विशेष ध्यान, खासकर उन बुजुर्गों का ज्यादा जो किसी पुरानी बीमारी से पीडि़त हैं।
-लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पालन करें और घर में बनाया मास्क पहनें।
– इम्युनिटी बढ़ाने के लिए गरम पानी-नींबू का सेवन और आयुष मंत्रालय के निर्देशों का पालन।
– आरोग्य सेतु एप करेंगे डाउनलोड
– अपने सामथ्र्य के अनुरूप गरीब परिवारों की करें देख रेख
– उद्योगपति-कारोबारी अपने कर्मचारियों से रखें संवेदना नौकरी से न निकालें।
– डॉक्टर, नर्स, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी जैसे कोरोना योद्घाओंं का करें सम्मान
20 अप्रैल तक सख्त निगरानी क्यों?
पीएम ने 20 अप्रैल तक सख्त निगरानी के बाद लॉकडाउन से धीरे धीरे मुक्ति देने की घोषणा की है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर 20 अप्रैल के बाद ही क्यों? दरअसल भारत में कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 10 हजार को पार कर गया है। प्रतिदिन एक हजार मामले सामने आने का सिलसिला शुरू हुआ है। दुनिया के अन्य देशों में आंकड़ा दस हजार पहुंचने के बाद संक्रमण की रफ्तार में एकाएक तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। यही कारण है कि सरकार इस दौरान न सिर्फ सख्ती दिखाने के मूड में है, बल्कि रत्ती भर भी खतरा उठाने के लिए तैयार नहीं है।  सरकार चाहती है कि 20 अप्रैल तक कोराना के नए हॉट स्पॉट की युद्घ स्तर पर पहचान कर ऐसे इलाकों को सील किया जाए। उन इलाकों में भी खास एहतियात बरता जाए जो हॉट स्पॉट तो नहीं बने हैं, मगर आगरा की तर्ज पर अचानक स्थिति बदल सकती है।
30 अप्रैल की जगह 3 मई क्यों?
कई राज्योंं ने लॉकडाउन की मियाद 30 अप्रैल तक बढ़ाई है। ऐसे मेंं सवाल उठता है कि पीएम ने क्यों इसे तीन मई तक बढ़ाया। दरअसल एक मई को मजदूर दिवस पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा। इसके बाद दो अपै्रल शनिवार है तो तीन अप्रैल रविवार। इन दो दिनों में वैसे ही अवकाश रहता है। इसलिए पीएम ने लॉकडाउन के दूसरे चरण को तीन मई तक बढ़ाया।
पहले खेप में 400 जिलोंं को मुक्ति संभव
कोरोना के कहर के बीच देश के करीब 400 जिले अब तक इस महामारी से दूर हैं। ऐसे में 20 अप्रैल के बाद पहले चरण में इन जिलों के लोगों को सीमित गतिविधियों की छूट मिल सकती है। हालांकि यह छूट तय किए जाते समय इन जिलों की भौगोलिक संरचना के साथ अन्य बातों का ध्यान रखा जाएगा। जिन इलाकों को थोड़ी रियायत मिलेगी, वहां सीमित मात्रा में सडक़ यातायात शुरू की जा सकती है। हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग से फिलहाल रत्ती भर भी छूट नहीं मिलेगी।

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