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कुदरत ने कुछ लिया तो बदले में दी खूबसूरत आवाज़ , मिलिए खूबसूरत आवाज़ की मलिका शबीना सैफ़ी से

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लखनऊ, लखनऊ की रहने वाली शबीना सैफी भले ही दोनों पैरों से लाचार और आंखों से देख नहीं सकती हो लेकिन कुदरत ने उनको बेहतरीन आवाज के साथ समाज की मदद के लिए बड़ा दिल दिया है। शबीना एक माज़ूर गायका है और उन्हें दिव्यांग पेंशन के तौर पर सरकार की ओर से 500 महीना मदद के तौर पर दिए जाते हैं लेकिन इस महामारी के दौर में शबीना ने अपनी पेंशन से बचाकर रखे 5000 रुपये सरकार को कोविड-19 से लड़ने के लिए मदद के तौर पर दिए हैं जिसके चलते उनकी जमकर तारीफ हो रही है।

शबीना के वालिद अब इस दुनिया में नहीं है और घर की माली हालात बेहद कमजोर है वह अपनी मां के साथ किराए के मकान में रहती हैं कुदरत ने उनको पैरों और आंखों से भले ही कमजोर किया हो लेकिन उनको बेहतरीन आवाज से नवाजा भी है अपनी गायकी के दम पर वह अपनी मां के साथ अपनी ज़िन्दगी चला रही हैं दिव्यांग होने के चलते सरकार उनको 500 रुपये महीना पेंशन देती है जिससे उनकी कुछ मदद होती है क्रोना वायरस की इस महामारी से लड़ने के लिए शबीना ने अपनी पेंशन से पिछले 10 महीनों से बचाए 5000 रुपये मुख्यमंत्री की कोविड-19 केयर फंड में दान कर दिए हैं। शबीना कहती है के जब से यह महामारी आई है तब से वह दूसरों को देश के लिए इस कठिन परिस्थितियों में मदद करते सुन रही थी लेकिन दिव्यांग होने के चलते वह किसी और तरह की मदद नहीं कर सकती थी जिसके चलते उन्होंने अपनी पेंशन से ही सरकार को मदद करने की सोची और मुख्यमंत्री कोविड-19 के फण्ड में 5000 दान किए।  शबीना ना तो आंखों से देख पाती हैं और ना ही  पैरों से चल पाती हैं।जिसके चलते बैंक मैनेजर ने खुद घर पहुंच कर उनकी इस रकम का अधिकार पत्र प्राप्त किया और उनके इस जज्बे को सलाम किया। शबीना को उपराष्ट्रपति दिव्यांग सशक्त जन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है इसी के साथ राष्ट्रपति दरबार में उन्हें डिनर पर भी आमंत्रित किया जा चुका है शबीना लखनऊ शहर की एक ख्याति प्राप्त गायिका है जिनके हौसले को लोग अब सलाम कर रहे हैं

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