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ट्रेन में मृत श्रमिक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने से हड़कंप

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लखनऊ , मुंबई से कोरोना पॉजीटिव कामगार 54 यात्रियों के साथ सफर करता रहा। उसकी मौत होने के बाद भी करीब 11 घंटे तक बीच में कहीं ट्रेन रोककर मृतक को उतारा नहीं गया। जब ट्रेन लखनऊ पहुंची तो यहां जीआरपी के दो सिपाहियों ने उसके शव को उतारा। उसके बाद डीएम व सीएमओ के निर्देश पर मजदूर का केजीएमयू अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। लापरवाही की हद देखिये कि उसकी कोरोना रिपोर्ट आए बगैर ही शव को उसके गृहजनपद अयोध्या भेजवा दिया, जहां उसका अंतिम संस्कार भी कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक नहीं हुआ। बाद में श्रमिक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव निकली तो रेलवे से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक में हड़कंप मच गया।
अयोध्या जिले के थाना गोसाईंगंज का रहने वाला 42 वर्षीय कामगार मुंबई में रहकर अपने साले के साथ गेट वे ऑफ इंडिया पर फोटोग्राफी कर परिवार पालता था। लॉकडाउन में काम बंद हो गया। वह परिवार सहित मुंबई से बस्ती जाने वाली ट्रेन पर सोमवार दोपहर डेढ़ बजे सवार हो गया। इटारसी के आसपास उसकी मौत हो गई थी। परिवारको झांसी के पास पता चला, लेकिन शव को रास्ते में कहीं नहीं उतारा गया था। ट्रेन जब मंगलवार को अपरान्ह दो बजकर 35 मिनट पर लखनऊ आई तो जीआरपी ने उसके शव को उतारकर पोस्टमार्टम को भेजवाया। रेलवे उन श्रमिकों का ब्यौरा जुटा रहा है। जो उसी बोगी में सफर कर रहे थे। बताया जा रहा है कि मृत श्रमिक के साले की मुंबई में मौत हो गई थी, जिसके बाद वह अपनी यात्रा रद्द करना चाह रहा था, लेकिन वहां उसे बस में बैठाकर रेलवे स्टेशन छोड़ दिया गया।
पीएम हाउस 48 घंटे के लिए सील
सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि पीएम हाउस को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सील करवा दिया गया है। परिवारजनों को शव कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ही सील करके रैपर में सौंपा गया था। एहतियातन सिविल के दो डॉक्टर समेत चार स्टाफ व जीआरपी के दो सिपाहियों को क्वारंटाइन कराया गया है।
जीआरपीके दो सिपाही क्वारांटाइन
रिपोर्ट आने के बाद रेलवे ने कोरोना पॉजिटिव का शव उतारने वाले अपने दोनों सिपाहियों को क्वारांटाइन कर दिया है। वहीं बस्ती तक सफर करने वाले 52 अन्य श्रमिकों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। सिपाहियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो वह जिसके संपर्क में आए होंगे उन लोगों को भी क्वारंटाइन करना पड़ सकता है। पीएम करने वाले सिविल के दो डॉक्टर समेत चार क्वारंटाइन केजीएमयू में जाकर मजदूर का पोस्टमार्टम करने वाले सिविल अस्पताल के दो डॉक्टरों को भी क्वारंटाइन कर दिया गया है। इसके साथ ही एक गार्ड व उसे गांव तक एंबुलेंस से छोड़ने गए ड्राइवर को भी क्वारंटाइन में रखा गया है। बताया जा रहा है कि ड्राइवर आने के बाद अस्पताल में अन्य लोगों से भी मिला था। हालांकि अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी का कहना है कि वह ड्राइवर गाड़ी छोड़कर सीधा बाहर चला गया था। किसी अन्य से नहीं मिला है। इन सभी का नमूना जांच को भेजा गया है। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर ने बताया कि हमारे यहां पीएम करने में कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जाता है। इसलिए किसी को क्वारंटाइन रखने की जरूरत नहीं है।

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