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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही अधिकारियों को सोशल मीडिया पर एक्टिव रहकर जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करने की बार-बार नसीहत देते रहे हों, लेकिन राजधानी में ही उनके इस आदेश की नाफरमानी देखने को मिल रही है। कोरोना के दौर में जहां विभिन्न विभाग पल-पल की घटनाओं पर बारीक नजर रख रहे हैं और लोगों को जागरूक करने व सटीक सूचना देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं तो वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी, लखनऊ का आधिकारिक ट्विटर हैंडल पिछले दो वर्षों से जंक खा रहा है। इस प्लेटफॉर्म पर 27 नवंबर 2018 को आखिरी ट्वीट किया गया था। इसके बाद इस एकाउंट का कभी भी इस्तेमाल नहीं किया गया। इससे अधिकारियों की सक्रियता का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
ऑफिस ऑफ द चीफ मेडिकल ऑफीसर लखनऊ… के नाम से इस ट्विवटर हैंडल को मई 2018 में बनाया गया था। तब से लेकर नवंबर 2018 तक सिर्फ 68 ट्वीट किए गए। सात माह तक चलने के बाद यह एकाउंट पूरी तरह निष्क्रिय हो गया। इसके बाद पिछले दो वर्षों में एक भी ट्वीट नहीं किया गया। यहां तक कि कोरोना संक्रमण काल में भीसीएमओ की ओर से इस एकाउंट की सुध नहीं ली गई। जबकि अन्य विभागों के ट्विटर हैंडल से लगातार अपडेट सूचनाओं को ट्वीट किया जा रहा है।
पीएम-सीएम समेत 12 एकाउंट को कर रहे फॉलो
सीएमओ अपने आधिकारिक एकाउंट से पीएम मोदी, सीएम योगी, जेपी नड्डा व रेलमंत्री पीयूष गोयल समेत 12 लोगों को फॉलो करते हैं। जबकि इस एकाउंट के 585 फॉलोअर्स हैं। सोशल मीडिया के दौर में ट्विटर पर निष्क्रिय रहने की वजह पूछे जाने पर सीएमओ डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि हम इसका इस्तेमाल नहीं करते। इसलिए एकाउंट बंद पड़ा है। जाहिर है कि उन्हें इसका कोई मलाल भी नहीं है। यही कारण है कि जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान भी नहीं हो पा रहा है।