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नईदिल्ली, कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरी दूनिया में हाहाकार मची हुई है। वहीं भारत में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। लॉकडाउन में मिली छूट के कारण कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़ता चला जा रहा है। वहीं इस लॉकडाउन ने काफी लोगों को बेरोजगार कर दिया है। जिसमें सबसे ज्यादा आंकड़ा मजदूरों का है। प्रवासी मजदूर घर जाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
इसी के तहत लॉकडाउन में फंसे लोगों को घर पहुंचाने के लिए शुरू की गईं स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस पर यात्रियों का भारी दबाव है। रेलवे के आंकड़े बताते हैं कि इन ट्रेनों की सभी सीटें औसतन 36 से 45 सेकेंड के भीतर बुक हो जा रही हैं। मंगलवार को तो भुवनेश्वर, पटना और हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस की सीटें 41 सेकेंड में ही बुक हो गईं। जानकारी मिलते ही रेलवे बोर्ड ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
45 सेकेंड से भी कम समय में एक ट्रेन के सभी टिकट बुक होने से रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी भी हैरान हैं। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि इतना समय तो केवल फॉर्म भरने में लग जाता है। टिकटों की सौदेबाजी की आशंका में मामला रेलवे बोर्ड तक पहुंच गया है। आरपीएफ अधिकारियों को जांच के आदेश दिए गए हैं कि इसके पीछे कहीं टिकट का धंधा करने वाले लोग तो नहीं हैं। इस तरह के मामले सामने आए दिल्ली से पटना जाने के लिए अंकेश ने 02310 पटना स्पेशल राजधानी में एसी थ्री का टिकट सुबह 8 बजे ऑनलाइन बनाना शुरू किया। एक मिनट में ही वेटिंग/रिग्रेट होने से टिकट न बना।
दूसरी ओर, संकट के इस समय में ट्रैवेल एजेंटों ने लूट शुरू कर दी है। टिकट के लिए दोगुना तक पैसा वसूल रहे हैं। मधु पांडेय की बेटी श्रद्धा ने कानपुर से भुवनेश्वर का ऑनलाइन टिकट बनवाने को ट्रैवेल एजेंट से संपर्क किया तो उसने 5000 मांगे। कानपुर से थर्ड एसी का 2500 रुपए ही है। 1435 पर एजेंट ने मांगे 3000 रुपए मंगलाविहार निवासी राजेश ने कानपुर से पटना के लिए कंफर्म टिकट के लिए एजेंट से संपर्क किया। उसने तीन हजार रुपए मांगे, जबकि कानपुर से पटना का थर्ड एसी का किराया 1435 रुपए ही है।