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गुवाहाटी, कोरोना महामारी के बीच असम में आई बाढ़ ने लोगों की समस्या को और अधिक बढ़ा दिया है. मंगलवार को बाढ़ से प्रभावित जिलों की संख्या पांच से बढ़कर सात हो गई, वहीं एक हजार हेक्टेयर से ज्यादा जगह पर लगी फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई. बाढ़ के कारण लगभग 1.95 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि गोलपारा और तिनसुकिया जिलों में बाढ़ से प्रभावित लोगों को 35 राहत शिविरों में शरण दी गयी है. केंद्रीय जल आयोग ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी जोरहाट जिले में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है जबकि जिया भराली सोनितपुर जिले में खतरे के निशान से ऊपर थी.
प्राधिकरण द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, गोलपारा में सबसे अधिक 1.68 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं जबकि नलबाड़ी में 10,943 और डिब्रूगढ़ में 7,897 लोग प्रभावित हैं. इसमें कहा गया है कि तिनसुकिया में बाढ़ से 3,455 लोग प्रभावित हैं, जबकि लखीमपुर में 2,970, दरांग में 845 और धेमाजी में 610 लोग प्रभावित हैं. नलबाड़ी जिले में एक तटबंध टूट जाने से सड़क डूब गयी.
बुलेटिन में कहा गया है कि नलबाड़ी जिले में मानस नदी पर लकड़ी का एक पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया वहीं गोलपारा जिले में भी एक सड़क पुल के क्षतिग्रस्त होने की खबर है. असम के ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. मंगलवार को जोरहाल में पानी खतरे के निशान को 15 सेंटी मीटर ऊपर पहुंच गया था. असम और मेघालय में 26 मई से 28 मई तक भारी बारिश के अनुमान के साथ रेड अलर्ट जारी करने वाले भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले कुछ दिनों तक तीनों प्रदेशों की स्थिति गंभीर बनी रहने की संभावना जताई है.